१५ अगस्त के मौके पर, देशभक्ति का माहौल होता है, हर दिल में देश के प्रति देशभक्ति होती है, तो उस अवसर पर आप, ये शायरी बोल के, अपने लिए ताली बजवा सकते है
जब भी हम मंच पर भाषण देते है तो एक तरफ़ा बोलते हुए हम थक जाते है, पब्लिक की तरफ से कोई रेस्पोंस नहीं आता, तब हमें श्रोताओ को भी अपनी बातचीत में शामिल करना पड़ता है, और उसका सबसे ज्यादा असरदार तरीका है की हम उनसे ताली बजाने को कहे
लेकिन ऐसे कहने भर से वो ताली नहीं बजायेंगे, इसके लिए आपकी बात में दम होना चाहिए तभी वो तालियों की गड़गड़ाहट से आपको नवाजेंगे, और ये होगा शायरी के जरिये.
कार्यक्रम की शुरुआत के लिए ताली शायरी
खुशियों पर मौज की रवानी रहेगी
जिंदगी में कोई न कोई कहानी रहेगी
हम भी कार्यक्रम में चार चाँद लगा देंगे
अगर आपकी तालियों की मेहरबानी रहेगी
और ऐसे ही जब तालियों की गड़गड़ाहट आपके लिए हो तो आपके हौसले बुलंदी पे होंगे और आप वो जोश जगा देंगे लोगो के दिलो में की हर कोई कह उठेगा की भाई वाह क्या बात है, एक और मौके पे चौका मारते हुए पेश करता हूँ ये शायरी की
कितनी है देशभक्ति दिल में, दिखा नहीं सकता
करो सलाम कबूल हरेक को, गले लगा नहीं सकता
एक से बढ़कर एक प्रस्तुति है, और भी आगे मगर
बिना तालियों के कार्यक्रम को, आगे बढ़ा नहीं सकता
दोस्तों बस आपकी तालियों का साथ हो जाए तो मजा आ जाए, फिर आप देखना की आपके लिए कैसी बेहतरीन प्रस्तुतिया पेश करते है हम, इस तरह से बोल के आप अपना मंच संचालन जारी रख सकते है, आखिर में एक देशभक्ति शायरी के साथ विदा लूंगा की
तेरे नाम पे मर जाऊं, तेरे नाम पे जिंदा हो जाऊं
है यही हसरत मेरी, हर जन्म तेरा आँचल पाऊं
ऐ माँ भारती चरणो में, शत शत तेरे वंदन है
है यही ख्वाहिश मेरी, मैं ओढ़ तिरंगा सो जाऊं