Last updated on July 21st, 2024 at 01:07 am
देश के देशभक्ति से भरे इस दिन को मनाने के पीछे कई कहानियां और कुर्बानियां है जो हमें पता है, और इस दिन को यादगार बनाने के लिए, आपके लिए कुछ भाषण हम लाए है, जो आपको स्टेज पर बोलने में बहुत ही अहम रोल निभाएगा.
गणतंत्र दिवस पर शानदार भाषण Video
26 जनवरी भाषण बच्चो के ऊपर
खून हमारा पानी नहीं, आग का समंदर है
देशभक्ति भरी हमारे, दिलो के अंदर है
कोई ताकत नहीं जो, झुका दे तिरंगे को
बाजुओं में ही नहीं, हमारी आँखों में भी खंजर है
आप सभी को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाए और बधाई देता हूँ, आज इन छोटे छोटे बच्चो को देखकर एक बात याद आ रही है की,
कितना सुन्दर ये देश है, जिसमे ये फूलो की क्यारी है
सारी दुनिया से अलग, भारत की तस्वीर ये न्यारी है
दीखता है मुझे तुम में, तुम ही भारत का भविष्य हो
उज्जवल होगा बुलंद होगा, जब की ऐसी तयारी है
ये बच्चे आज छोटे है लेकिन कल ये ही भारत की बागडोर संभालेंगे, ये ही बच्चे भारत की ताकत बनकर उभरेंगे, इनके पथ को अगर हम मजबूत बना दे, इनकी राहो को अगर हम रोशन कर दे, तो ये वो सूरज बनकर देश भर में और पुरे विश्व में उजाला कर देंगे, की सारी दुनियां की आँखे चकाचोंध हो जाएगी.
आज गणतंत्र दिवस के इस अवसर पर मैं बधाई दूंगा उन सारे शिक्षकों को, जो इन्हे इस काबिल बना रहे है, जितना कार्यभार टीचर के कंधो पर है, उतना ही माता पिता के कंधो पर भी है, स्कूल से शिक्षा लेने वाले ये नन्हे फूल, घर पर भी अगर थोड़ा ज्ञान का खाद पा जाए तो, ये एक बेहतरीन फसल बनेगे, जिससे आने वाली कई पीढ़ियां विकसित होगी, उज्जवल भविष्य के साथ.
आज मैं सिर्फ बच्चो के बारे में इसलिए बोल रहा हूँ, की और विषय पे तो हम हमेशा बोलते है, लेकिन ये विषय कहीं छूट न जाए, हम हमेशा इस बात को बहुत ही हलके में लेते है लेकिन ये मत भूलो की, इनमे से ही कोई गाँधी होगा, कोई सुभास चंद्र और कोई भगत सिंह या महाराणा प्रताप या शिवजी महाराज होगा.
आज की हमारी थोड़ी सी समझदारी, इनका कल और भारत का भविष्य निर्धारित करेगा, यहाँ के टीचर बहुत अच्छा कार्य कर रहे है, उन्हें बधाई दूंगा. और माँ भारती को नमन करते हुए, अपना स्थान ग्रहण करूँगा की
फूल है नन्हे बगियाँ के, आओ इन्हें गुलजार करें
पेड़ बने और दे छाया, आओ थोड़ा इंतजार करें
दे खाद ज्ञान का और, शिक्षा संस्कारों का
बनकर बड़े जब ये, भारत का सपना साकार करें
जय हिन्द, वन्दे मातरम, भारत माता की जय.
गणतंत्र दिवस भाषण बेटियों के ऊपर
२६ जनवरी के इस भव्य आयोजन को देखकर मन आनंदित हो रहा है, ख़ुशी हो रही है, मन प्रफुल्लित हो रहा है, देशभक्ति और देशप्रेम का ये संगम देखकर.
नमस्कार करता हूँ, प्रणाम करता हूँ, अभिनन्दन करता हूँ, सभी अतिथियों एवं उपस्थित सभी दोस्तों का, आप सभी को गणतंत्र दिवस की हार्दिक बधाई.
हमारा देश हमेशा शक्ति की पूजा करता है, चाहे वो शूरवीरो की शक्ति हो, या नारी शक्ति हो, हमारे देश में बेटियों को बहुत ही सम्मान दिया जाता है, नारी को ऊंचा स्थान दिया जाता है, मगर
आज के दौर में हम ये भूल रहे है, आज हम रास्ते से भटकते जा रहे है, जिस देश में नारी की पूजा होती है, उस देश में ही नारी सुरक्षित नहीं है, आज जब कहीं पढता हूँ, ऐसे घिनौने कृत्यों को तो मुझे शर्मशार होना पड़ता है खुद की नजरों में, की कहाँ है वो भारत जहां दुर्गा की पूजा होती है.
जिस देश को ही माँ भारती का दर्जा दिया हो, जहाँ दुर्गा पूजा होती हो, जहाँ भाई बहन के प्रेम को दर्शाता रक्षा बंधन हो, और जिस देश में कन्या पूजन किया जाता हो, उस देश में ऐसी दुर्दशा हो तो मन आत्मग्लानि से भर जाता है.
आज आप सब के समक्ष मैं ये कहना चाहूंगा की हमें ये अत्याचार रोकना होगा, रोकनी होगी भ्रूण हत्या, रोकने होंगे ये बलात्कार और ये पीड़ा जो बेटियों पे होती है.
बेटी जब जन्म लेती है तो कहते है लक्ष्मी आई है, धन को भी बेटी का दर्जा हासिल है, तो फिर कहाँ है वो लक्ष्मी, दुर्गा और सीता.
खिलखिलाती है घर में जब वो तो, घर खिलखिलाने लगता है
चहकती है जब वो चिड़ियाँ सी तो, घर महकने लगता है
कभी काँधे पे बैठकर देखे दुनियाँ, कभी बांहो में झूलती है
एक घर में जन्म लेनेवाली गुड़ियाँ, दूसरे का घर भी संवारती है
कभी बहन बनकर प्रेम करें, कही माता बनकर दुलार
कभी बेटी बनकर लाए ख़ुशी, कहीं पत्नी बनकर प्यार
कहती बहुत कुछ है वो आँखे, जो खामोश रह निहारती है
कुर्बानियो की वो देवी जो, अपने हक़ को पुकारती है
आज बस एक प्रण लो बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, और ये सिर्फ कहने भर से नहीं होगा, हमें हकीकत की जमीन पे इसे, साकार करना होगा. अंत में बस सभी बहनो माताओ और बेटिओ को प्यार, प्रेम और आदर से प्रणाम करते
हुए, और भारत माता की जय के साथ अपने शब्दों को विराम दूंगा.
जय हिन्द, वंदे मातरम, भारत माता की जय.