26 january speech

26 जनवरी देशभक्ति कार्यक्रम शुरुआत के लिए धमाकेदार शायरी, भाषण | Gantantra diwas Par Shayari Bhashan

Last updated on July 21st, 2024 at 01:30 am

हर साल की तरह इस वर्ष भी हम गणतंत्र दिवस मना रहे है, आज 74 वा गणतंत्र दिवस मनाने की हमें अपार ख़ुशी है, और 26 जनवरी 1950 को भारत प्रजातान्त्रिक गणतंत्र देश बना, जो हम सभी लोग जानते है. 

26 जनवरी पर भाषण हिंदी में विद्यार्थियों के लिए

मैं हितेश चौधरी आज आपके समक्ष खड़ा हूँ, ये मेरी योग्यता नहीं मेरा सौभाग्य है की आप ने मुझे इस मंच से बोलने का अवसर दिया. 

मेरे प्रधानाचार्य, अध्यापक, मान्यवर अतिथिगण एवं मेरे सहपाठियों को गणतंत्र दिवस की हार्दिक बधाई देता हूँ, और इस महान उत्सव पे मेरे विचार प्रकट करने का मौका दिया इसके लिए सभी का आभार व्यक्त करता हूँ. 

आज का दिन इतना महत्त्वपूर्ण है जिसके बारे में मैं आगे बात करूँगा, आज पुरे भारतवर्ष में राष्ट्रिय ध्वज को फहराते हुए राष्ट्रिय गान गाकर, इस दिन को और भी भव्यता प्रदान की जा रही है, और सम्मान दिया जा रहा है आज के ऐतिहासिक दिन को. 

26 जनवरी 1950 को जब संविधान लागू हुआ तो ऐसा लगा की अब, भारत के सुनहरे भविष्य की नींव रखी गई है, बस अब इसपे शीशमहल बनना बाकि है. 

वो सपने जो देखे गए थे भारत के स्वर्णिम भविष्य के, उन्हें साकार करने और उन्हें आकर देने का दिन ही गणतंत्र दिवस है, हममे से ही कोई एक ऐसा होगा, जो कल वो बनकर दिखलाएगा जिसपे दुनीयाँ को नाज होगा. 

मेरे सभी साथियो को मैं कहना चाहूंगा की, ये देश हमारा अपना है, हमें गर्व होना चाहिए इस देश में हमें जन्म मिला, ये सपनो का वो भारत है जिसने अभी तो सिर्फ कुछ कदम ही बढ़ाए है, अभी तो इसे दौड़ना है. 

इस दौड़ में हममे से ही कोई साइंटिस्ट बनेगा, कोई डॉक्टर होगा तो कोई देश का कार्यभार संभालेगा, हमें इतना सशक्त और मजबूत बनना है की कोई भी हमें अपने कर्तव्य से डिगा न सके.

तमाम शिक्षकों का तहेदिल से आभारी हूँ, जो इतने अच्छे संस्कार और ज्ञान की अमृत वर्षा हम पे कर रहे है, मैं ऋणी हूँ उन सभी का जिन्होंने जाने अनजाने में इस देश के लिए, कुछ किया है.

अंत में सिर्फ इतना कहूंगा की सीमा पे लड़ते है सैनिक जो देश को बाहर से आनेवाली मुश्किलों से बचाते है, और हमें अंदर की सफाई करनी है, देश जितना साफ़ होगा प्रगति उतनी ही जल्दी होगी, सफाई चाहे कचरे की हो, भ्रष्टाचार की हो, निर्धनता की हो, अज्ञानता की हो, सेहत की हो या फिर गद्दारो की हो, हमें निष्पक्षता से ये सफाई करनी होगी. 

जय हिन्द, जय भारत. 

संविधान पर छोटा भाषण / Samvidhan par Bhashan

आज गणतंत्र दिवस है और आज का दिन संविधान से जुड़ा हुआ है, सभी जानते है की आज के दिन संविधान लागू हुआ था, इसलिए हम ये दिन गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते है.

लेकिन संविधान क्या है ये कितने लोग जानते है, संविधान का मतलब क्या है और क्या हम उसका ठीक से पालन करते है. 

यदि हम चाहते है की देश आगे बढे तो हमें संविधान की बातों पर अमल करना होगा, एक राष्ट्र का निर्माण कैसे होगा ये संविधान निर्माताओं ने हमें बताया, हमें गणतंत्र का रूप दिया, ताकि हम सब एक रहे, लड़ झगड़कर अपने देश को बर्बाद न करें. 

सब को बराबर का अधिकार दिया, की कोई मतभेद न हो, लेकिन कुछ कमियां अभी है जिसे हमें दुरुस्त करने की जरुरत है और तभी संविधान का सही रूप हमें दिखेगा, और हम कह सकेंगे की हमने संविधान का पालन किया. 

हमारे देश में कई समस्याए है जिन्हे सुलझाने के लिए हर कोई अपने स्तर पर कार्य कर रहा है, मगर ऐसी समस्याए भी है जिनसे हमारा भी कई बार आमना सामना हो जाता है, जैसे की बाल मजदूरी, सार्वजनिक सम्पत्तियो को क्षति पहुँचाना, कन्या भ्रूण हत्या, दहेज़ प्रथा या कानून का उलंघन करना. 

ये वो समस्याए है जिन्हे कई बार हम छोटा समझ कर नजर अंदाज कर देते है, लेकिन ये ही धीरे धीरे गंभीर बीमारी का रूप लेती है, और समाज को , देश को खोखला करती है. 

चाहे गरीब हो या अमीर, निर्बल हो या शक्तिशाली सबके लिए समान कानून व्यवस्था है, किसी के साथ कोई उंच नीच नहीं है, सबको बराबर का अधिकार हासिल है, तो हमें भी देश के लिए समाज के लिए खुद को समर्पित करना होगा. 

देश का विकास ही हमारा विकास है, जब देश आगे बढ़ेगा तो सबकी प्रगति और उन्नति होगी, इसलिए आओ आज ये प्रण ले की हम देश को सर्वोपरि मानेंगे और देश के लिए पूरी श्रद्धा से कार्य करेंगे. 

बस अब मैं अपना स्थान ग्रहण करूँगा, और उज्जवल भविष्य के लिए आप सबको शुभकाना दूंगा. 

जय हिन्द, भारत माता की जय 

Gantantra diwas Par Shayari Bhashan

 

देशभक्ति से भरपूर शायरी भाषण / Patriotic Speech and Poem

झंडे लहरा के जश्न मनाना

नारबाजी से गगन गुँजाना 

सुन के भाषण ताली बजाना 

आसां नहीं है वीरो को भुलाना

और कभी भुला भी नहीं सकते, देश के उन दीवानो की छवि जो हमारे दिलो पर छप गई उसे मिटाया नहीं जा सकता और देशभक्तों को भुलाया नहीं जा सकता. 

अनुशासन को दिल में जगह देते है 

चलो खुद को फिर हम जगा देते है 

रंग अमिट है शहीदों का यारों 

चलो आज तिरंगा लहरा देते है 

भूल नहीं सकते है तीन रंगो को जो हमें शांति अमन और भाईचारा सिखाते है, प्रेरणा  उत्साहित करते है, हमारे मन में उमंग भरते है.

खुशनसीबी है ये हमारी, तिरंगे के साये में पलते है 

हर मजहब हर रंग के फूल, इस धरती पे मिलते है 

थकन से चूर बदन हो, हौसलों ने भी जब दम तोड़े 

अँधेरी रात से होकर भी, फिर हिम्मत के दीप जलते है 

हमारी एकता और अखंडता ही हमारी शक्ति है, इसी ताकत की वजह से हम आज सर
चलते है की,

राम अगर है भारत मेरा, तो मैं इसका हनुमान हूँ 

कहे तिरंगा लहरा के, मैं भारत की शान हूँ 

मिट्टी माथे पर लगाकर, नित नित वंदन करता हूँ 

रहे सलामत देश मेरा, जन जन का अरमान हूँ 

जय हिन्द, वंदे मातरम, भारत माता की जय 

Republic day Speech for Students Video

 

26 जनवरी पर देशभक्ति शायरी / Desh Bhakti Shayaari

एक चिंगारी अंगार से कम नहीं होती 

सादगी किसी श्रृंगार से कम नहीं होती 

चूम लो आँखों में बसा लो इस तिरंगे को 

ये दीवानगी मोहब्बत से कम नहीं होती

 

ek chingaari angaar se kam nahi hoti

saadgi kisi shringaar se kam nahi hoti

choom lo aankhon me basa lo tirange ko

ye deewangi mohabbat se kam nahi hoti

जर्रा जर्रा महक रहा है हिंदुस्तानी शान से 

रहे तिरंगा ये लहराता, कहदो ये आवाम से 

देशप्रेम ही दिल में मेरे, और न कोई अरमान है 

विश्व जानेगा हमको, कल हमारे नाम से  

 

jarra jarra mahak raha hai hindustani shan se

rahe tiranga lahrata, kah do ye aawaam se

deshprem hi dil me mere, aur na koi armaan hai

vishw jaanega humko, kal hamaare naam se

 

हवाओ को बता दो, घटाओ को बता दो 

तूफान जलजले और, फिजाओ को बता दो 

है सूरज चाँद ये जमीं, जब तलक 

लहराता रहेगा तिरंगा, कजाओ को बता दो 

 

hawao ko bataa do, ghatao ko bataa do

tufaan jaljale aur, fizao ko bataa do

hai suraj chaand ye zameen, jab talak

lahraata rahega tiranga, kajao ko bataa do

 

कार्यक्रम शुरुआत के लिए शायरी

 

आओ हम तुम आज कुछ खास करते है 

आज के दिन पे चलो हम नाज़ करते है 

करते है आगाज़ हम तालियों की गड़गड़ाहट से 

लहरा के तिरंगा चलो शुरुआत करते है 

 

aao hum tum aaj kuch khas karte hai

aaj ke din pe chalo hum naaz karte hai

karte hai aagaaz hum taliyo ki gadgadahat se

lahra ke tiranga chalo shuruaat karte hai

हर रंग के फूल गुलदस्ते में समां गए 

हमारे चाहने वाले महफ़िल में आ गए 

ये देशभक्ति ये दीवानगी हम भूलेंगे नहीं 

आप नजर से सीधे दिल में समां गए 

har rang ke phool guldaste me sama gaye

hamaare chahne wale mahfil me aa gaye

ye deshbhakti ye deewangi hum bhulenge nahi

aap nazar se sidhe dil me sama gaye

 

आज का दिन यादगार रहेगा 

बरसो तलक ये ज़माना कहेगा 

हुआ था भव्य शानदार कार्यक्रम 

हर जुबां पर यही फ़साना रहेगा 

 

aaj ka din yaadgar rahega

barso talak ye zamana kahega

hua tha bhavy shandar karykram

har zuban par yahi fasana rahega

आपके आने से हम फुले नहीं समां रहे 

मन में उठी तरंग दिल के तार झनझना रहे 

हमने बिछाई पलके प्रेम और भाव से 

आप भी आकर सीधे दिल में समां रहे 

 

aapke aane se hum phule nahi sama rahe

man me uthi tarang dil ke taar jhanjhana rahe

humne bichhai palke prem aur bhav se

aap bhi aakar sidhe dil me sama rahe

 

26 जनवरी पर जोश भरने वाली शायरी

 

नजारो से मिली नजर, तो सितारों ने कहाँ 

पूछा जब एक से हमने, तो हजारो ने कहाँ 

 

nazaro se mili nazar, to sitaro ne kaha

pucha jab ek se humne, to hajaaro ne kaha

हुश्न फीका, इश्क छोटा, तेरी मोहब्बत के आगे 

बने तिरंगा कफ़न मेरा, तुझसे बस हम ये माँगे 

दिल की दौलत और आँखों के ख्वाब लुटा दूँ 

धन क्या है मेरे लिए मैं सर की तुझे भेंट चढ़ा दूँ 

 

hushn feeka, ishk chhota, teri mohabbat ke aage

bane tiranga kafan mera, tujhse bas hum ye maange

dil ki daulat aur aankho ke khwab luta dun

dhan kya hai mere liye main sar ki bhent chada dun

 

ये जूनून जो मेरी आँखों में पलता है 

मेरे लबों से जय हिन्द निकलता है 

डर मुझे क्या हो इस जहां का यारो 

पनाह में तिरंगे की दम निकलता है 

 

ye zunun jo meri aankhon me palta hai

mere labon se jay hind nikalta hai

darr mujhe kya ho is jahan ka yaaro

panaah me tirange ki dam nikalta hai

 

वो मौत कितनी हसीन होती है 

वो शाम कितनी रंगीन होती है 

जब सर पे हो लहराता तिरंगा 

और हाथों में संगीन होती है 

 

wo mout kitni haseen hoti hai

wo sham kitni rangeen hoti hai

jab sar pe ho lahrata tiranga

aur haathon me sangeen hoti hai

 

नहीं डरते है जो मौत से, उन्हें डराया जाता नहीं 

जो शेर हो पैदाइशी, उन्हें कभी हराया जाता नहीं 

मरने से पहले तुझे, जी भर के देखना चाहता हूँ 

दो पल ही सही माँ, तेरे आँचल में लेटना चाहता हूँ 

मर जाऊं फिर अगर, तो कोई गम नहीं मुझे 

तेरी मिट्टी का माथे पे, तिलक करना चाहता हूँ 

marne se pahle tujhe, jee bhar ke dekhna chahta hoon

do pal hi sahi maa, tere aanchal me letna chahta hoon

mar jaaoon phir agar, to koi gam nahi mujhe

teri mitti ka mathe pe, tilak karna chahta hoon

 

मिले जमाने की महोब्बत, ये किसको गँवारा था 

हमने तो हर कदम बस, तुझको ही पुकारा था 

नहीं ख्वाहिश शोहरतों की, के दुनियां में नाम हो 

है तमन्ना बस इतनी के, तेरे चरणों में मुकाम हो 

 

mile zamane ki mahobbat, ye kisko ganwaara tha

humne to har kadam bas, tujhko hi pukara tha

nahi khwahish shohraton ki, ke duniya me naam ho

hai tamanna bas itni ke, tere charno me mukaam ho

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