Last updated on July 18th, 2024 at 04:49 pm
गणतंत्र दिवस के अवसर पर शानदार और जोशीली शायरियो के साथ भाषण देकर,
मंच पर अपनी छाप जरुर छोड़े और आपका भाषण कैसा हुआ हमें कमेंट करके जरुर
बताए.
शायरी वाला भाषण गणतंत्र दिवस पर
ऐतिहासिक दिन पे सभी को प्रणाम और नमस्कार के साथ एक ही बात कहूंगा
की,
ये देश सदा बर्बाद हुआ है, घर के राजदारों से
रखो निगाहें पैनी हमेशा, कह दो पहरेदारों से
अब कोई न रहम होगा, जड़ से उन्हें उखाड़ेंगे
सबसे बड़ा खतरा यारों, है हमको गद्दारों से
कोई भी समय रहा हो, जब घर का भेदी लंका ढाए, तो कौन आकर बचाए, जयचंद और
विभीषण हमें पलने नहीं देने है,
गुलशन अगर बनाना है, काँटों को हटाना होगा
सर्वोपरि है भारत अपना, जहाँ को बताना होगा
कोई आतंक कोई हादसा, न जन्म ले फिर यहां
मिलके हम सब को यहाँ, शांति अमन लाना होगा
ये देश हमेशा अव्वल रहा है, चाहे वो व्यापारिक क्षेत्र हो, या जंग का मैदान
हो, हमने कभी पहले वार नहीं किया, लेकिन जब युद्ध हुआ तो, दुश्मन को छूपने को
ये आसमां ये जमीं भी कम पड गई.
नहीं चाहते जंग करना, तुम हमको ललकारो मत
रहेगा तिरंगा ही ऊंचा,अपना परचम उछालो मत
अशोक चक्र और शेर चिन्ह, जिस देश का प्रतिक हो
दौड़ रहा रगो में जो उस, खून को और उबालो मत
भारत का हर शेर खामोश रहता है, क्योकि शेर की एक दहाड़ ही काफी है, दुश्मन की
चड्डी गीली करने को, तो इसका मतलब ये नहीं की शेर कायर है, शेर का अपना जहाँ
है, अपना उसूल है,
मक्कारो और देशद्रोही को, दिल में जगह हम नहीं देते
खैरात में बटने वाली कोई, महँगी चीज भी हम नहीं लेते
देना जिसकी आदत है, सदियों से जहां को जो देता है
एक ही चीज बार बार, समझा के हम नहीं कहते
ये शायरी आप बोले मंच से तो जरूर आपको सराहना मिलेगी, जय हिन्द।
26 जनवरी पर देशभक्ति कविता स्कूल के लिए
26 जनवरी पर देशभक्ति कविता
दोस्तों 26 जनवरी के इस शानदार उत्सव पर अगर आप स्कूल में, कविता
बोलना चाहते है जो आपके लिए और स्कूल के लिए भी यादगार होगी, तो चलिए आपको हम
26 जनवरी पर सुनाते है ये एक जबरदस्त और बिलकुल नई कविता.
जब जब हमको सीमा पर दुश्मन ने ललकारा है
हमने भी हुँकार भरी और
किया जय जयकारा है
पहले तो मोहब्बत की, हम बात किया करते है
करके दोस्ती हम यारों,
साथ जिया करते है
नहीं समझे नहीं जाने फिर, हर हर भोले उच्चारा
है
हमने भी हुँकार भरी और किया जय जयकारा है
जब जब
हमको सीमा पर दुश्मन ने ललकारा है
आओ हम सब गले मिले, एक जहां एक घर बने
नए युग में नए सपनो की, एक
नई तस्वीर चुने
हरदम हरपल ये सन्देश, दुनियां को हमारा
है
हमने भी हुँकार भरी और किया जय जयकारा है
जब जब
हमको सीमा पर दुश्मन ने ललकारा है
जय हिन्द वंदे मातरम