टीचर दें ऐसा भाषण 15 अगस्त पर | Teacher speech 15 august

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स्वतंत्रता दिवस के पावन और उत्साह पूर्ण दिवस पर स्कूल या कॉलेज के टीचर को भाषण देना होता है, लेकिन जैसे ही ये दिन नजदीक आता है, उनकी व्यस्तता और बढ़ जाती है क्योकि, उनकी जिम्मेदारी भी बड़ी होती है.

और ऐसे समय में उन्हें चाहिए की वो कोई ऐसा विकल्प ढून्ढ ले जिससे उनका काम बन जाए, कोई रेडीमेड स्पीच अगर उन्हें मिल जाए तो उनका समय बच जाता है, लेकिन वो भाषण भी ऑथेंटिक सोर्स से मिले तो बेहतर होता है, और आपका हमपे यही भरोसा हमें कुछ नया और अच्छा लिखने के लिए लालायित करता है, तो आपके लिए हाजिर है ये शिक्षक द्वारा 15 अगस्त (15 august)भाषण.

शिक्षक द्वारा 15 अगस्त भाषण (15 august)

कुछ कहने से पहले, मैं नमन करना चाहता हूँ
कांटो भरी बगियाँ को, मैं चमन करना चाहता हूँ
चाहत मेरी बस इतनी, शहीदों की चरण रज को
माथे से लगाकर के, मैं चन्दन करना चाहता हूँ

मेरे साथियो, अतिथियों, अभिभावकों एवं प्रधानाचार्य जी और उपस्थित सभी को आज के दिन की हार्दिक शुभकामनाए

ये देश आजाद क्यों हुआ, इसलिए की कई लोगो ने कुर्बानियां दी, या कई लोगो ने लड़ाई लड़ी, नहीं, वो सब तो जरुरी था लेकिन उससे भी जरुरी थी एकता, जी हाँ, एकता की ताकत ने ही हमें आजादी दिलाई है, अगर एकता नहीं होती तो आज भी हम गुलाम होते

और आज एकता की बात मुझे इसलिए करनी पड़ रही है क्योकि आज देश में एकता नहीं है, देश की छोडो महोल्ले में एकता नहीं है, घर में एकता नहीं है, भाई भाई में एकता नहीं है, परिवार में एकता नहीं है, समाज में एकता नहीं है, कहीं भी एकता नहीं है

और आज का सबसे बड़ा और गंभीर मुद्दा भी ये ही होना चाहिए, अगर आज अभी इसी वक्त इस प्रांगण में कुछ हो जाए तो सब दौड़ पड़ेंगे, भाग पड़ेंगे बाहर की और, लेकिन कोई दुसरे के बारे में नहीं सोचेगा.

ये हमारी कमजोरी है और इसे ही हमें ठीक करना है, हम तभी सलामत है जब हम एकजुट हो, हम तभी सलामत है जब हम में एकता हो, और हम तभी सलामत है, हमारी बहु बेटियां तभी सलामत है, हर घर परिवार तभी सलामत है, जब हम में एकता हो.

और ये एकता कहाँ से आएगी, नफरतो को भुलाओ, उंच नीच और भेद भाव को भुलाओ, वर्ना तुम इसी छूअछुत और उंच नीच में उलझे रहोगे और कोई आकर तुम्हे, धक्के देकर घर से निकाल बाहर करेगा.

आज पड़ोस में क्या हो रहा है, देख लो, मैं नाम नहीं ले रहा हूँ किसीका मगर देख लो, इससे जीता जागता उदाहरण और क्या हो सकता है

हमें किसी से बैर नहीं है, कोई दुश्मनी नहीं है, लेकिन अगर तुम ये सोचकर बैठोगे की सांप मुझे नहीं काटेगा, मैंने उसे दूध पिलाया है, तो ये तुम्हारी बेवकूफी है, नादानी है तुम्हारी, नींद से जागो और, सुरक्षित करो खुद को, घर को और परिवार को

दोस्तों, आज के दिन कुछ मत करो, बस एक प्रण ले लो, एक कसम खा लो की कुछ भी हो जाए, चाहे हम कितने ही बड़े झगडे में क्यों न उलझे हो मगर, जब बात आएगी तो हम एक है, तकलीफ में हम एक है, लड़ाई में हम एक है, देश के लिए हम एक है, समाज के लिए हम एक है, परिवार किसी का भी हो, मुसीबत में हम एक है तो

आज का मेरा ये कहना सार्थक हो जाएगा, मैं धन्य समझूंगा की मेरी कही बात व्यर्थ नहीं गयी, देश, धर्म, घर और परिवार ये सब हमारा है, इसे हमें बचाना है, इसकी हिफाजत करनी है, बस दो शब्दों के साथ विराम लूँगा की

खवाब यही हम एक हो, जात पात से हो उपर
बढ़ चले रफ़्तार से हम, दुनिया में हो हम सुपर

जय हिन्द

टीचर भाषण 15 अगस्त पर video

टीचर भाषण 15 अगस्त पर

Hi, I'm Hitesh Choudhary (Lyricist), founder of NVH FILMS. A blog that provides authentic information, tips & education regarding manch sanchalan, anchoring, speech & public speaking.

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