Speech on Teachers Day Celebration | टीचर्स डे स्पीच | 5 September

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Last updated on July 20th, 2024 at 04:03 pm

आज आपके लिए Teacher’s Day भाषण लेकर आए है, इस भाषण को आप किसी भी मंच पर बोल सकते है, स्कूल में बोल सकते है, साथ ही आपके लिए शायरी भी इसमें शामिल की गई है ताकि आप समय समय पर बोलते रहे.

टीचर डे स्पीच हिंदी

नमस्कार दोस्तों आज टीचर डे के अवसर पर आप सभी का तहेदिल से धन्यवाद अदा करते हुए, दो शब्द शिक्षक के सम्मान में जरुर कहना चाहूँगा की, टीचर हमारी जिंदगी में क्या अहमियत रखते है, ये आपको पता तब चलता है जब आप बड़े हो जाते है, कामयाबी के शिखर पर पहुचते हो, तब ये ज्ञान ये शिक्षा आपको याद आती है, क्योकि इसके बिना तो ये सफ़र हो ही नहीं सकता था.

5 सितम्बर एक ऐसा दिन है जिसे हम शिक्षक दिवस के रूप में मनाते है और भूल जाते है, आज का ये दिन डाक्टर सर्वपल्ली राधाकृषणन का जन्म दिन है, एक ऐसे महान शिक्षक जिन्होंने शिक्षा को एक नए नजरिये से देखा.

आज का दिन टीचर के सम्मान में, उनके दिए गए ज्ञान और शिक्षा के बहुमूल्य खजाने के बदले में, उनका आभार व्यक्त करने के लिए हम मनाते है.

teacher's day

 

टीचर कहो या गुरु कहो, दोनों एक ही है, इनके अलग अलग रूप जरुर हो सकते है, मगर काम सिर्फ एक ही है, रास्ता दिखाना, सही रस्ते पे चलना सिखाना, गुरु ज्ञान का वो सागर है, जिसके ज्ञान की बूंद भी अगर हम सही तरीके से जीवन में उतार ले, तो हमारा जीवन धन्य हो जाएगा.

इतिहास से लेकर आज तक टीचर हमेशा दूसरों को आगे बढ़ाने में मदद करते हैं, कृष्ण भगवान भी एक गुरु थे जिन्होंने अर्जुन को ज्ञान दिया, द्रोणाचार्य या भगवान सूर्य, जिन से स्वयं हनुमान जी ने शिक्षा ग्रहण की थी, माता-पिता भी गुरु होते हैं और हम भी यहां पढ़ते हैं, देखते हैं, यह हमारे गुरु हमें नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे हमारा भविष्य उज्जवल करेंगे इन सभी गुरु और संसार के सभी टीचर को प्रणाम करता हूं और एक कविता की दो लाइन पढ़कर अपना स्थान ग्रहण करूंगा कि

आओ मिलकर हम वंदन करते हैं ,

गुरु चरणों में हम मस्तक धरते हैं

जो अंधेरे पथ को रोशन करते हैं ,

जीवन में जो हमारे खुशियां भरते हैं

 

पहले गुरु है मात पिता उनको नमन करते हैं

फिर हम स्कूल में गुरु का सम्मान करते हैं

 

गुरु दक्षिणा क्या देंगे हम आप गुणों के सागर हो

हम प्यासे हैं ज्ञान के और आप अंबर के बादल हो

तपती धूप में हम भटके आप शीतल सा आंचल हो

पत्थर को इंसान बनाते हैं आप वह अद्भुत गागर हो

 

एक बार फिर से सभी गुरुजनों को प्रणाम करते हुए अपना स्थान ग्रहण कर लूंगा धन्यवाद.

टीचर डे पर शायरी

टीचर डे के अवसर पर आप यह शायरी भी बोल सकते हैं कि

1

शीश धरो चरणों में वंदन करो हजार

गुरु बिना कहां ज्ञान घूमो चाहे संसार

अंधकार में दीप जला के कर दिया प्रकाश

प्रणाम करूं मैं आपने दिया ज्ञान अपार

2

और बिन शिक्षा जीवन सूना जैसे भैंस और बीन

पढ़ाई ऐसा है खजाना कोई सके ना चीन

पशु मानव में फर्क नहीं गर ना पढ़े इंसान

पढ़ लिखकर गुणवान बने सब का करें सम्मान

 3

अपने ज्ञान की ज्योति से हम को महका दिया

मूढ़ थे मूर्ख थे हम हमें जीना सिखा दिया

वंदन करो हजार चाहे लाख करो प्रणाम

ऋण कभी ना उतरेगा गुरु आपने ज्ञान दिया

 

और आप कुछ और शायरी भी बोल सकते हैं कि जैसे मैं आपको यहां पर बता रहा हूं कि

4

गुरु मेरा पार ब्रह्म गुरु मेरा परमेश्वर है

गुरु ही मेरा इस है गुरु मेरा सर्वेश्वर है

गुरु है ज्ञान का स्रोत गुरु ही तो ईश्वर है

जहां देखो हर और गुरु गुरु मेरा सर्वेश्वर है

5

गुरु गंगा ज्ञान की गुरु सागर प्रेम का

गुरु है दीपक ज्योति गुरु अमृत नेहा का

वाणी ऐसी जैसे मिश्री मुख सजी मुस्कान

गुरु पुंज है तेज का गुरु खजाना स्नेह का

 

6

गुरु संग बैठा कभी बात तभी यह जानी

यह जग झूठी माया गुरु ने है समझानि

गुरु हाथ सर पर रहे पार वहीं पा जाता

गुरु से बढ़कर नहीं कोई जगत में ज्ञानी

 

और भी शायरी में आपके सामने पेश कर रहा हूं कि जैसे आप यह शायरी भी वहां पर बोल सकते हैं कि

7

पढ़ लिख कर हम हुए महान

पाई शिक्षा तब बने इंसान

और मिला टीचर से हमें ज्ञान

तब हुए सफल और पाए सम्मान

 

डॉक्टर राधाकृष्णन सर्वपल्ली जिन के जन्मदिन पर 5 सितंबर को हम यह शायरी बोल रहे हैं इस प्रोग्राम में और भी बेहतरीन शायरी आपके सामने रख रहा हूं कि

 

8

हमें पढ़ाया ज्ञान दिया उनको वंदन करता हूं

सभी गुरु जगत के उनको नमन करता हूं

बड़ी शरारत हमने की फिर भी हम को प्यार किया

लिखा पढ़ा कर हमको जीना हमारा आसान किया

 

कभी भूलना मत उनको जिन्होंने तुम को ज्ञान दिया

मूर्ख थे अनपढ़ थे हम हमको बड़ा गुणवान किया

 

9

वही थे जो हमें सिखाते कैसे आगे बढ़ना है

कठिन राहे जीवन कि कैसे इस पथ पर चलना है

प्रणाम तुम्हें है हे गुरुवर जीवन जीना सिखाया है

सच झूठ अच्छे बुरे का हमको पाठ पढ़ाया है

 

याद बहुत आते हैं हमको वह सारे टीचर हमारे

झूठा गुस्सा प्यार भरा था वह शिक्षक थे हमारे

 

इस तरह की कुछ बेहतरीन शायरियां आप बोल सकते हैं, धन्यवाद.

शिक्षक दिन वर मराठी भाषण

नमस्कार मित्रांनो, शिक्षक दिनानिमित्त तुम्हा सर्वांचे मनापासून आभार मानत, मी शिक्षकांच्या सन्मानार्थ दोन शब्द सांगू इच्छितो, शिक्षकांचे आपल्या जीवनात काय महत्त्व आहे, ते तुम्हाला मोठे झाल्यावर कळते. तुम्ही यशाच्या शिखरावर पोहोचता, तेव्हा तुम्हाला हे ज्ञान, हे शिक्षण आठवते, कारण त्याशिवाय हा प्रवास होऊच शकला नसता.
५ सप्टेंबर हा एक दिवस आहे जो आपण शिक्षक दिन म्हणून साजरा करतो आणि विसरतो, आज हा दिवस डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन यांचा जन्मदिवस आहे, ज्यांनी शिक्षणाला एका नव्या दृष्टीकोनातून पाहिले.
आज आपण हा दिवस शिक्षकांच्या सन्मानार्थ, त्यांनी दिलेल्या ज्ञान आणि शिक्षणाच्या मौल्यवान खजिन्याच्या बदल्यात त्यांच्याबद्दल कृतज्ञता व्यक्त करण्यासाठी साजरा करतो.
शिक्षक म्हणा किंवा गुरु म्हणा, दोघेही एकच आहेत, त्यांची रूपे वेगवेगळी असू शकतात, पण काम एकच, मार्ग दाखवणे, योग्य मार्गावर चालायला शिकवणे, गुरु म्हणजे ज्ञानाचा सागर, ज्याचे ज्ञान एक पण थेंब आपण योग्य मार्गाने घेतले तर आपले जीवन धन्य होईल.
इतिहासापासून आजतागायत शिक्षक नेहमी इतरांना पुढे जाण्यासाठी मदत करतात, भगवान श्रीकृष्ण हे अर्जुन, द्रोणाचार्य किंवा भगवान सूर्य यांना ज्ञान देणारे गुरूही होते, ज्यांच्याकडून हनुमानाने स्वतः शिक्षण घेतले होते, आई-वडीलही गुरू होते. आणि आपणही इथे शिक्षण घेतो ,
हे आपले गुरू आपल्याला नवीन उंचीवर घेऊन जातील, आपले भविष्य उज्वल करतील, या सर्व गुरुंना आणि जगातील सर्व शिक्षकांना मी नमन करतो आणि एका कवितेच्या दोन ओळी वाचून माझे स्थान घेईन.
चला एकत्र नतमस्तक होऊ,
गुरूंच्या चरणी मस्तक ठेऊ.
जो अंधाऱ्या वाटेला प्रकाश देतो,
जो आपल्या जीवनात आनंद भरतो
पहिला गुरु असतो आई वडील,
त्याला नतमस्तक होतात.
मग शाळेत गुरूंचा आदर करतो
गुरुदक्षिणा काय देणार मी,
तू गुणांचा सागर आहेस
आम्ही ज्ञानाचे तहानलेले आहोत,
आणि तू अंबराचा ढग आहेस
आम्ही रखरखत्या उन्हात भटकतो,
तू मस्त गोडी आहेस
दगडाला काय माणुस बनवतो,
तू तो अद्भुत गागर आहेस
पुन्हा एकदा सर्व गुरुंना वंदन करून माझी जागा मी घेईन, धन्यवाद.

टीचर डे Shayari विडियो

Teacher Day Motivational Speech In Hindi

भाषण देने के लिए बस इच्छा शक्ति होनी चाहिए, न तो ये जरुरी है की आप कितने पढ़े लिखे हो, न ही ये जरुरी है की आपको कितना बोलना आता है,  क्योकि बोलना तो आप तब से जानते है जब से आपने चलना सिखा है.

तो इसमें आप इतना घबराते क्यों है, की अब हम भाषण दे तो दे कैसे, बस आपको डर सिर्फ एक ही है और वो ये की कहीं कोई मेरा मजाक न बना दे, कहीं कोई ये ना कह दे की इसने ऐसा कैसे बोल दिया, या आप किसी विषय पे बोलते हुए भूल गए तो लोगो के मजाक का कारण बन जाएंगे.

तो आज आपके इस डर का जवाब इसी Post में लेकर आया हूँ की, बोलते वक्त ये भूल जाओ की सामने कौन बैठा है, क्योकि अगर आप ये सोचने लग गए की, मैं जो बोल रहा हूँ वो सही है या गलत, तो आप गड़बड़ कर ही देंगे, फिल्म
मुकद्दर का सिकंदर में एक डायलोग कादर खान छोटे अमिताभ को बोलते है की, ये मुर्दों की बस्ती है, यहाँ हर कोई मरा हुआ है, तू बस वो करता जा जो तुझे ठीक लगे, इस दुनियाँ की परवाह न कर, वर्ना ये दुनियाँ तुझे कभी आगे बढ़ने नहीं देगी.

बस आप भी समझ लो की जिन्दा तो सिर्फ आप है, बाकी तो सब लाशें है, और लाशो से इंसान को कोई फर्क नहीं पड़ता, जिंदगी जिन्दादिली का नाम है, मुर्दादिल क्या ख़ाक जिया करते है.

कर दे वो जिससे फ़तेह हासिल हो

डूबती नाव का लक्ष्य एक साहिल हो

फिर तू बोलने में ही नहीं, हर जगह पे राज करेगा, चिड़िया नहीं तू बाज बनेगा, शिकस्त से डर कैसा ये तो एक नजराना है, गिर गिर के संभालना तो अंदाज पुराना है.

मत सोच की क्या होगा

बस तू अपनी बाजी लगा दे

अपने
मन में हिम्मत की एक चिंगारी जगा दे

फिर देख के कैसे रोशन होती है ये दुनियाँ

तू बस खुद
की पूरी ताकत लगा दे.

ये डर ये चिंता तो बस कुछ पल के मेहमान है, जो बिन बुलाए चले आते है, इन्हें दिल में जगह देने की जरूरत नहीं है, बस टाटा बाय बाय करके इन्हें अलविदा करो.

किसी भी विषय पे बोलना हो तो किसी का रटा रटाया भाषण मत बोले, बल्कि अपने मन में जो आता हो वो बोले, वो शब्द, वो सोच, वो अदा आपकी होगी, तो उसमे बहुत ही ख़ास प्रभाव पड़ेगा.

दुसरो का लिखा या बोला हुआ बोलके क्या मतलब, जो भी आता है बोले, हाँ दुसरे से थोड़ी बहुत जानकारी जरुर हासिल कर सकते है, उसे पढ़ सकते है, लेकिन उस पे बिलकुल शत प्रतिशत रटके बोलना ठीक नहीं है.

तो आशा करता हूँ की बात समझ में आ गई होगी.

Hi, I'm Hitesh Choudhary (Lyricist), founder of NVH FILMS. A blog that provides authentic information, tips & education regarding manch sanchalan, anchoring, speech & public speaking.

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