Shree Hanuman Amritwani Lyrics | श्री हनुमान अमृतधारा | Hanuman Amritdhara Lyrics

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Last updated on July 14th, 2024 at 11:30 pm

श्री हनुमान बजरंगबली जो सब से कृपालु और दिन हिन के रक्षक हैं, उन महा प्रभु की
आराधना करना यानि सब कष्टों से मुक्त हो जाना, प्रभु श्री राम जी के परम भक्त
श्री हनुमान जी व कलयुग के दौर में सबसे जल्दी भक्तो की सुनने वाले वीर महाबली
हनुमान की अमृतवाणी लिरिक्स आपके सामने प्रस्तुत हैं.

इस सुपर हिट अमृतवाणी को गाया हैं शंकर महेश्वरी ने और इस को लिखा है
गीतकार हितेश चौधरी ने, ये अमृतवाणी आप तुलसी जयपाल youtube चैनल पर सुन
सकते है, और प्रभु भक्ति का आनंद ले सकते हैं.

Shri Hanuman Amritwani  श्री हनुमान अमृतवाणी | Lyrics Hitesh Choudhary

Shree Hanuman Amritwani Lyrics

श्री हनुमान अमृतधारा

1.हे हनुमान हे बलशाली, हे मेरे कृपा निधान

  शिवजी का तुम रूप हो, पवन पुत्र हनुमान

  हनुमत प्यारे राम दुलारे,  दिनों के कष्ट निवारे

  ना हम जाने रित पूजा की, भाब से तुझे पुकारे

२.केसरी नंदन अंजनी सूत, हो तुम बड़े महान

   रावण भी भयभीत हुआ, तुम ऐसे हो बलवान

   रोम रोम में बस रहे तुम, बनके दया निधान

   जब से धून तुम्हरी लगी, जग से हूँ अनजान

३.साधू संत के हे सहारे, सबके हो तुम सहाय

   तुम बिन दूजा कौन है, कष्टों से जो बचाय

   बुद्धि बल में तुमसे कोई, पार नहीं है पाता

   जो कोई तेरे गुण गाए, सब कुछ वो पा जाता

4.मेरे मन के मंदिर में है, भक्ति की झंकार

   नाता जब तुमसे जुडा, भुला दिया संसार

   नित करता मैं वंदना, नित धरता मैं ध्यान

   सिर पर मेरे हाथ धरो, पवन पुत्र हनुमान

५.अंतर्यामी जग हितकारी, विनय सुनो महाराज

    सकल मनोरथ पूर्ण करो, हे राजो के राज

    स्वामी तुमसे अरज करे, एक छोटा सा दास

    आस तुम पूरी करोगे, मन में है विश्वाश

6.अहिरावण को मारने जब, जा पहुंचे पाताल

   राम लखन को लिए फिर, आए अंजनी लाल

   जगमग ऐसी ज्योत जले, हरदम तेरे द्वार

   मंदिर सबके लिए खुला, कोई ना पहरेदार

7.जिनके ह्रदय में है बसे, राम लखन माँ सीता

   मुख से बोले श्री राम, सेवा में जीवन बिता

   दसो दिशा में जो बसे, वो है मेरे हनुमान

   कण कण में वो तुम्हे मिले, करलो थोडा ध्यान

8.परम कृपालु दुःख भंजन, ये है मरे महावीर

   शीश झुकाया रावण ने, ये है ऐसे रणवीर

   कर में गदा कान में कुंडल, काँधे जनेऊ साजे

    गले में माला पुष्पों की, पाँव में घूँघरू बाजे

9.पर हितकारी पर उपकारी, दया सिंधु महाराज

  पल में कष्ट मिटाते है ये, पूरण करते काज

  अपरम्पार है लीला इनकी, नहीं बखानी जाए

   सच्चे मन से कोई पुकारे, दौड़े दौड़े आए

10.इनकी परम कहानी तुमको, आओ आज सुनाए

     कैसे है हनुमान हमारे, सबको आज बताए

     सुर्यपुत्र शनिदेव ने जब, इनपे दृष्टि डाली

     पाँव रखा सर पे उनके, लीला ये कर डाली

11.संग में राम के थे हनुमान, पता सिया का पाया

     रावण जैसे अभिमानी को, पल में था झुकाया

     भरी सभा में जब रावण ने, पूछा कहा है राम

     चिर के छाती बोल पड़े, मन में बसे है राम

12.ऐसा भक्त न कहीं पे देखा, सेवक न ऐसा पाया

    धन्य है श्री राम जी जो, भक्त हनुमत पाया

    जो जन मानस करले भक्ति, मेरे श्री हनुमान की

    जीवन में उसके है सवेरा, फिकर नहीं है रैन की

13.तिन लोक की सिद्धियाँ, चरणों में जिनके पड़ी

    सारे जगत की शक्तियां, जिनके दर पे है खड़ी

    उन मेरे महावीर को मैं, नित करता हूँ प्रणाम

    उनके चरण की रज मिले, तो मिलते चारो धाम

14.दर्शन इनका जिसको मिलता, पा लेता वरदान

     भव से पार हो जाता है, पल में वो इंसान

    आज भी जो अजर अमर, रम रहे चारो और

     उनसे आशीष जो मिले तो, चाहू न कुछ और

15.ना ढले जो रात गम की, ना मिले कहीं चैन

     क्षण में ही दुःख दूर करे, पवन पुत्र हनुमान

     सर्वस्व अपना है लुटाते, भक्तो पे हनुमान

     ये भक्तो का भक्त इनका, करते है गुणगान

16.ना माया न मोह रहेगा, ना रहे कोई संताप

     मोक्ष ये दिला देते है, ऐसा है महा प्रताप

     जो भी चाहे मांग यहाँ पे, बजरंग आज लुटाए

     वो सब ही मिले यहाँ पे, जो कहीं भी न पाए

17.परम पूज्य ये आजका, दिन है मंगलवार

    जो करे पूजा तुम्हारी, करते है बेडा पार

    मेरे मन में हे हनुमान, रहता है तेरा ध्यान

    रख दो सर पे हाथ को, करो मेरा कल्याण

18.नर नारी सब दर खड़े, करते है ये पुकार

     बाग़ है सुखा जीवन का, आओ लेके बहार

     जो भी शरणागत हुआ, कर दिया उद्धार

     बिच भंवर में आज फंसी, कर दो नैया पार

19.सबके कष्ट मिटाने वाले, हे बजरंगबली

    विपदा कोई न सतावे, तोड़ो दुश्मन की नली

    तेज भरी मूरत तुम्हारी, आँखों में दिव्य उजाला

    सब देवो में श्रेष्ठ है वो, लाल लंगोटे वाला

20.तेरे धाम को देख सारे, देव भी हाथ मले

    औरो की क्या बात कहूँ मैं, रवि शशि भी जले

    तुम ब्रह्माण्ड की शान हो, तुम हो सकल स्वरुप

    हे अविनाशी अंतर्यामी, सब में तेरा रूप

21.तुम सागर तुम हो सरिता, तुम बगियाँ के फूल

     हम सब चाकर है तेरे, तेरे चरण की धुल

     प्रेम के तुम सागर बड़े हो, तुम ही सबसे महान

     मात पिता गुरु सखा हो, तुम हो मेरी जान

22.विनती है तुमसे हनुमान, करना क्षमा मेरी भूल

    लेखनी तेरी लिखी न जाए, लो श्रद्धा का फूल

    जो नित ये श्रवण करे, जो ले ले तेरा नाम

    कहे हितेश हे हनुमान, करना पूरण काम

Lyricist: Hitesh Choudhary

Shree Hanuman Amritwani Lyrics Video

Hi, I'm Hitesh Choudhary (Lyricist), founder of NVH FILMS. A blog that provides authentic information, tips & education regarding manch sanchalan, anchoring, speech & public speaking.

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