देशभक्ति भाषण गणतंत्र दिवस के लिए 26 January | Desh Bhakti Bhashan 26 January

Join WhatsApp

Join Now

Join Telegram

Join Now

Last updated on July 21st, 2024 at 03:12 pm

देश भक्ति भाषण

आदरणीय गुरु जनो एवं समस्त उपस्थित गणमान्य अतिथियों को मेरा सादर प्रणाम, आज 26 जनवरी है, आज हम यहाँ उपस्थित है, हम हर साल 26 जनवरी मनाते है
और मनाते रहेंगे, मगर क्या ये आजादी हमारे वीर जवानो की कुर्बानी के बिना मिलनी संभव थी, मुझे नहीं लगता की ऐसा हो पाता, तो सबसे अहम हिस्सा जिनका इसे दिलाने में है, जिन्होंने अपनी जान देश पे कुर्बान कर दी, आज हम सिर्फ उनकी बात करे, उन्हें याद करे.
माँ भारती के चरणों में वंदन करता हूँ और अपने उन शहीदों को याद करता हूँ तो मेरी आँखों से अविरल अश्रु धारा बह निकलती है, मेरे मन में एक जोश एक आक्रोश भर जाता है, और दिल से बस एक ही आवाज आती है, भारत माता की जय, जय हिन्द, वन्दे मातरम.
ऐसा होना लाजमी भी है क्योकि मैं इसी मिट्टी में पला बढा हूँ, यही पैदा हुआ हूँ, और सबसे ख़ास बात ये की ये भूमि, ये धरती, ये धरा, ये जननी ये जन्मभूमि मेरी है, इसके लिए जो बलिदान दिए, वो हमारे पुरखो ने दिए, तो क्यों न नाज करू, क्यों न इतराऊँ मैं अपनी इस भूमि पे, जो मेरी है, हम सबकी है.

26 January

भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, सुभाष चन्द्र बोस, सुखदेव और ऐसे ही अनगिनत जवान, जिन्होंने देश के लिए सबकुछ समर्पित कर दिया, उन्हें याद करना तो हमारा फर्ज है, और आप इससे मुकर नहीं सकते, क्योकि हमारा पहला कर्तव्य ये है की सोते जागते सबसे पहले हम उन्हें याद करे. जिन्होंने हमारे लिए निस्वार्थ अपना खून बहाया.
मेरी आँखों में जब वो मंजर आता है तो नहीं रोक पाता अपने आप को रोने से की, कैसे एक माँ ने अपने बेटे को फांसी पे झूलते हुए देखा होगा, कैसे एक बहन से उसकी राखी छिनी गई होगी, और कैसे एक पत्नी से उसकी मांग का सिन्दूर उजाड़ा गया होगा, ये सब याद करके ही रोंगटे खड़े हो जाते है तो जिनके साथ ये हुआ उनकी हालत उनका हाल क्या होगा, कभी सोच के देखना.
यहाँ आज ये सब बात करने का मतलब सिर्फ इतना है की हम आज अपने काम में इतने उलझ गए है की, हमें उनको याद करने की भी फुर्सत नहीं है, बस एक दिन उनके नाम कर दिया है, जहाँ पर कुछ घंटो के लिए, बस कुछ भाषण और नारे लगाकर हम समझते है की हमने अपना फर्ज पूरा कर दिया, लेकिन ऐसा नहीं है, हमें उनको अपने दिल में, अपने मन में हमेशा हर घडी बसाए रखना होगा, तभी ये संभव होगा की, हम देश के लिए, भारत माता के लिए कुछ कर पाए.
आज की युवा पीढ़ी को अगर इतिहास के बारे में पूछो तो कुछ पता ही नहीं है, उन्हें सोशल मिडिया से फुरसत ही नहीं मिलती की वो देश के लिए कुछ सोचे, मैं ये नहीं कहता की हर कोई ऐसा है, मगर ज्यादातर लोग ऐसे ही है, उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता की क्या हो रहा है, और क्या होगा, लेकिन फर्क पड़ना चाहिए.
अब मैं आपका ज्यादा समय नहीं लेते हुए, कुछ शायरी पेश करता हूँ, उन शहीदों के नाम, जिनको याद करने के लिए हम आज यहाँ पर एकत्रित हुए है. अगर आपके मन में जरा सी भी देशप्रेम की भावना जाग जाए तो, तालिया बजाकर बताना जरुर, की हमारे दिल में आज भी वो माँ भारती के लाल मौजूद है.

मरे नहीं वो जिन्दा है, यादो में बसर वो करते है

शेर ए जिगर थे जो वो, बेखौफ सफ़र करते है

रगों में जिनकी खून नहीं, बारूद बहा करता था

वो सेनानी वो बहादुर जो, आसान डगर करते है

उन जांबाज हीरो को नमन करते है, उन्हें सलाम करते है, उन्हें वंदन करते है, और अपनी मातृभूमि को प्रणाम करते है, इस सबका कर्ज है हम पे जो हम कभी उतार नहीं सकते, बस हम आदर से सम्मान से उनका नाम लेके, उन्हें याद करते है.

दीवानगी की हदों से जो, देशप्रेम में गुजर गए

सपने बिखरे कुछ और, कुछ ख्वाब संवर गए

भीड़ गए वो होक निडर, आजादी के मतवाले

कौन कहता के मर गए, दिल में वो ठहर गए

आज आपकी तालियों की इस गडगडाहट से ये तो समझ में आ गया की आप के दिल में देश के लिए कितना प्यार है, कितनी मोहब्बत है, और कितना इश्क है, बस अपने दिलो में यही प्यार यही मोहब्बत बनाए रखना, और हमेशा उन्हें याद करना, सिर्फ आज के दिन नहीं, तो बस अब मैं अपनी बात कह चूका, अपना स्थान ग्रहण करने से पहले, फिर एक बार माँ भारती की जय, वन्दे मातरम, जय हिन्द.

26 january bhashan

Republic Day Speech / देशभक्ति भाषण 2

आप सभी विराजमान अतिथियों एवं उपस्थित गणमान्य नागरिको का ह्रदय की गहराइयो से स्वागत करता हूँ, आज गणतंत्र दिवस के इस पर्व पर आप सभी को गणतंत्र दिवस की ढेरो शुभकामनाए एवं हार्दिक बधाई.

भारत के इतिहास में ये दिन सुनहरे अक्षरों से अंकित है, ये दिन कोई आम दिन नहीं है, ये हम सबके लिए, हर भारतवासी के लिए और जो अपने देश से, अपनी मातृभूमि से प्रेम करता है, उन सबके लिए अति महत्वपूर्ण और ख़ास है.

इस दिन का इतिहास अगर हम देखे तो, हमारे सर सम्मान और श्रद्धा से झुक जाएंगे, लेकिन इतिहास के पन्नो में झांकने से पहले, मैं आपको कुछ और बताना चाहता हूँ, आज के हालात और परिस्थिति से अवगत करवाना चाहता हूँ, आप सब भी जानते है और देख रहे है, लेकिन आपका ध्यान उस और नहीं गया होगा, और गया भी हो तो इसपे इतना गौर नहीं किया होगा.

जैसे देश के लिए आज इस महामारी के दौरान हमारे वीर योद्धा डटे हुए है, अपने प्राणों को दांव पर लगाकर भी जो हमारी जान की रक्षा करने के लिए तत्पर रहते है, चाहे वो भारत की सेना हो या डॉक्टर या अन्य वो आम नागरिक, जिसने इस में योगदान दिया, वो सभी हमारे लिए सम्माननीय है और मैं उनका तहेदिल से सम्मान करता हूँ, आदर करता हूँ.

समय कोई भी हो, परिस्थिति कोई भी हो मगर हमारे लिए जो अडिग खड़े है, जो हमारे लिए रात दिन नहीं देखते और जुट जाते है, हमें बचाने के लिए, भारत के उन सभी जांबाजो को मैं दिल से सलाम करता हूँ, और आप सभी से विनती करूँगा की आप भी उनके इन महान कार्यो के लिए तालियों से उनके प्रति आदर और सम्मान की एक छोटी सी ज्योत जलाए.

ऐसे ही कोई महान नहीं बन जाता या उसे याद नहीं किया जाता, उसके लिए कड़ी मेहनत और देशभक्ति का भरपूर जज्बा सिने में होना चाहिए, आज इस कडकडाती ठण्ड में हम अपने घरो में दुबके हुए रहते है, तो वही भारत माता के वो सपूत हिमालय में, बर्फीले मौसम में भी देश की सेवा करते है, और कही गर्मी में झुलसते रेगिस्तान में अडिग खड़े रहते है, क्यों… क्योकि उन्हें देश से प्यार है, हम सब से प्यार है. 

सिर्फ पैसा कमाना ही लक्ष्य नहीं है, पैसा तो और भी किसी तरीके से या कोई और काम करके भी कमा सकते है, मगर हर किसी के बस की ये बात नहीं की वो, देश की सेवा करे, अरे…. ये तो कोई कोई माँ के लाल होते है जो अपनी सरहद की सीमाओं पे, अपने सर पर कफ़न बाँध के खड़े होते है.

ये सब कहने का मतलब सिर्फ इतना है की सबसे पहले हमारे भी दिल में अगर कोई बात आए तो, वो देश की आनी चाहिए, उसके बाद ही सबकुछ.

धड़कन दिल की सिने में बस, एक ही शोर करती है

देशभक्त या है कोई गद्दार, हर चेहरे पे गौर
करती है

रगों में बहता खून उबाले, मार मार ये कहता है

सर झुके तो इस मिट्टी में, नजर यही पे ठहरती है

ये दिन हम सबने न जाने कितनी बार मनाया होगा, बचपन से लेकर आज तक हम हर गणतंत्र दिवस पे कुछ नारे लगात है, देशभक्ति के गीत गाते है, और तिरंगा फहरा के अपने घर चले जाते है, बस ये एक दिन ही हमारे लिए देशभक्ति का दिन है, बाकी दिनों में तो कोई याद भी नहीं करता, क्यों…. 

नहीं ऐसा नहीं होना चाहिए, देश है तो हम है, भारत है तो भारतीय है, इसलिए आज के बाद हर दिन एक या दो मिनट अपने देश के लिए भी निकाले, देश के लिए भी सोचे. तभी हम कह सकते है की हमारे सिने में देशभक्ति का जज्बा है.

आज इतहास पर नजर डाले तो हमारे वीरो ने क्या नहीं किया, वो सपूत माँ भारती के जिन्होंने देश के लिए उस उम्र में अपनी जान कुर्बान कर दि, जिस उम्र में हम स्चूलो में कालेजो में पढ़ते है.

क्या उनके कोई सपने नहीं थे या वो जीना नहीं चाहते थे, मेरे दोस्तों उनके भी सपने थे, उनके दिल में भी चाह थी जिंदगी की, लेकिन बात जब माँ की आती है, इस भूमि की आती है, इस धरा की आती है, इस धरती की आती है, तो सारे सपने एक तरफ और माँ भारती एक तरफ, सबसे जरुरी है ये देश 

 

वतन पे फ़िदा होने पे, वतन की माटी कहती है

बरसो सदियों तलक रूह, मेरे आगोश में रहती है

आ आँचल तुझे दूं मैं तिरंगी, सिने से लिपटा
रखूंगी

कण कण में हो बसर तेरा, हवाओं में खुशबूं बहती
है

 

ये आजादी के उन दीवानों के लिए, इस धरती की माटी भी फक्र करती है,

बलिदान…

बलिदान कभी जाया नहीं होता, मिट जाने से कोई
पराया नहीं होता

नजरो का फेर है मेरे यारो वर्ना, कौन कहता है
की रातो में साया नहीं होता

आज उन सभी बहादुर देशभक्तों को सलाम करते हुए, आज की ये अंतिम पंक्ति कहने के साथ, मैं अपना स्थान ग्रहण करूँगा की,

भारत माँ तेरे चरणों में, हम शीश अपना चढ़ा
देंगे

जब तलक रहेगी साँस ये, हम तुझपे वो भी लुटा
देंगे

जय हिन्द, भारत माता की जय.

Hi, I'm Hitesh Choudhary (Lyricist), founder of NVH FILMS. A blog that provides authentic information, tips & education regarding manch sanchalan, anchoring, speech & public speaking.

1 thought on “देशभक्ति भाषण गणतंत्र दिवस के लिए 26 January | Desh Bhakti Bhashan 26 January”

Leave a Comment