Desh Bhakti Shayari 15 August – देशभक्ति कविता 15 अगस्त पर

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Last updated on July 15th, 2024 at 03:09 pm

दिलों में जोश भरने के लिए नारे या शायरी की जरुरत होती है, शायरी बहुत बड़ी बात को, कम शब्दों में कह देती है, आज 15 August पर आपके लिए लाए है, चुन चुन कर बिलकुल नई, बेहतरीन शायरी, जो आपके भाषण में निखार जरूर लाएगी।

Desh Bhakti Shayari 15 August

Patriotic Poetry on 15 August

चलो आज ये नारा दे, डूबतो को हम किनारा दें
आगे बढे मिलजुलकर, गिरते को हम सहारा दें
जातपात औ भेदभाव, न उंच नीच को बढ़ावा दें
चले विश्व में बात कहीं तो, वो उदाहरण हमारा दें
वंदन पहले मातृभूमि को, चरणों में शीश नवाता हूँ
सुबह सवेरे हर घडी बस, जय हिन्द मैं गाता हूँ
रहे तिरंगा ये लहराता, शान हमारी बताता हूँ
बात चले जब देश प्रेम की, वंदे मातरम गाता हूँ
यही गौरव है, यही शान है, इससे भारत की पहचान है
मिटना पड़े तो मिट जाऊं, मेरे दिल में यही अरमान है
सीने में जज्बात रखो, लबो पे एक ही नाम रखो
चलती है जब तक साँसे, मन में हिंदुस्तान रखो
खुशियों से भरा आज का दिन मनाते है
देशभक्ति की शम्मा दिल में जलाते है
आओ मिलकर करे तिरंगे को सलाम
आज के दिन को चलो खास बनाते है
रहे सलामत ये धरा, भारत की रक्षा प्रण हमारा
विश्वगुरु कहलाएगा, जब होगा समर्पण हमारा
एकता, शांति से बदले, भारत का स्वर्णिम भविष्य
योगदान ही रंग लाएगा, यही अब कर्तव्य हमारा
कहीं राणा कहीं शिवा लड़े, कहीं भगत सूली पे चढ़े
लुटा कर के प्राण अपने जो, हर कदम पे आगे बढे
किया समर्पण तन मन का, तनिक नहीं जो वीर डरे
मचा दिया कोहराम युद्ध में, जीत के परचम गड़े
है अवसर ये हमें मिला, आओ देश के काम आए
अपने हिस्से में भी यारो, देशभक्ति की शाम आए
करे समर्पित हम भी कुछ, जीवन के पल इसे
लिखे कोई इतिहास गर, उसमे अपना भी नाम आए
स्वर्णिम भारत का सपना जिन्होंने अपनी आँखों में पाला था
थी किसीके हाथों में तलवारे और किसी हाथ में भाला था
लुटा गया जो जान वतन पर वो आजादी का दीवाना था
मरते मरते जो जय हिन्द बोला वो देशप्रेमी मतवाला था
गरजते है जो शेरो से, चीते की चाल चलते है
इस धरा पर जन्म लेने, कितने हाथ मलते है
है यही बात फक्र की, हम भारत के वासी है
देख देख इनको यारो, कितनो के दिल जलते है
झुकने न दूँ तिरंगा कभी, सर अपना कटा दूँ
नजर उठाए जो इस पर, उसकी हस्ती मिटा दूँ
है यही मेरा सितारा और, ये ही मेरी शान है
चाह यही मेरी मरते दम, मिट्टी सर पे लगा दूँ
कतरा कतरा मेरे लहू का, बस तेरे ही नाम है
चिर दिखाऊ सीना अपना, इसमें हिंदुस्तान है
वतन से बड़ा मेरे लिए कोई नहीं है
ऐसे ही शहीदों ने जान अपनी खोई नहीं है
जिस मिट्टी पे गिरा हो लहू आजादी के दीवानो का
उस धरती से बड़ी जन्नत कोई नहीं है
रगो में बहता खून नहीं, माँ तेरे प्यार की निशानी है
अरे इसी अदा पे तो हमारी, सारी दुनियां दीवानी है
खेले तेरी गोदी में गंगा यमुना, अमृत सा वो पानी है
ये धरती है सबसे जुदा और तू, धरा की महारानी है
महकती है खुश्बूं इसमें, मिट्टी नहीं ये चन्दन है
हे माँ भारती तेरे चरणों में, नित नित वन्दन है
है कौन ऐसा इस जग में, जो तेरी कोई होड़ करे
तू है पावन तू है सुन्दर, तू काशी तू मथुरा तू वृन्दावन है

देशभक्ति कविता 15 अगस्त पर

चलो उठो निर्भय बनो, सत्य पथ पे चले चलो
तुम ही शेर हो भारत के, बिना डरे आगे बढ़ो

है कौन ऐसा जो तुम्हारे, मन को विचलित करे
उखाड़ फेंको जड़ से उसे, जो तुम्हे भयभीत करे

कभी धरो नरसिंघ रूप, कभी तुम महाकाल बनो
काँप जाए रूह जरा(शरीर), तुम ऐसा प्रलय करो

हिन्द के हो तुम सपूत, तनिक नहीं घबराना तुम
करने विनाश दुष्टो का, खेमे में घुस जाना तुम

है हाथ सर पे जब तेरे, माँ भारती का वर मिला
शक्ति है देवदूत की, कल्याण कर तू कर भला

ले उन्हें तू साथ में, जो बने बल तेरा
ऊगा भानु तू नए, रोशन बने कल तेरा

Hi, I'm Hitesh Choudhary (Lyricist), founder of NVH FILMS. A blog that provides authentic information, tips & education regarding manch sanchalan, anchoring, speech & public speaking.

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