Last updated on July 21st, 2024 at 03:12 pm
देश भक्ति भाषण
26 January
मरे नहीं वो जिन्दा है, यादो में बसर वो करते है
शेर ए जिगर थे जो वो, बेखौफ सफ़र करते है
रगों में जिनकी खून नहीं, बारूद बहा करता था
वो सेनानी वो बहादुर जो, आसान डगर करते है
उन जांबाज हीरो को नमन करते है, उन्हें सलाम करते है, उन्हें वंदन करते है, और अपनी मातृभूमि को प्रणाम करते है, इस सबका कर्ज है हम पे जो हम कभी उतार नहीं सकते, बस हम आदर से सम्मान से उनका नाम लेके, उन्हें याद करते है.
दीवानगी की हदों से जो, देशप्रेम में गुजर गए
सपने बिखरे कुछ और, कुछ ख्वाब संवर गए
भीड़ गए वो होक निडर, आजादी के मतवाले
कौन कहता के मर गए, दिल में वो ठहर गए
आज आपकी तालियों की इस गडगडाहट से ये तो समझ में आ गया की आप के दिल में देश के लिए कितना प्यार है, कितनी मोहब्बत है, और कितना इश्क है, बस अपने दिलो में यही प्यार यही मोहब्बत बनाए रखना, और हमेशा उन्हें याद करना, सिर्फ आज के दिन नहीं, तो बस अब मैं अपनी बात कह चूका, अपना स्थान ग्रहण करने से पहले, फिर एक बार माँ भारती की जय, वन्दे मातरम, जय हिन्द.
Republic Day Speech / देशभक्ति भाषण 2
आप सभी विराजमान अतिथियों एवं उपस्थित गणमान्य नागरिको का ह्रदय की गहराइयो से स्वागत करता हूँ, आज गणतंत्र दिवस के इस पर्व पर आप सभी को गणतंत्र दिवस की ढेरो शुभकामनाए एवं हार्दिक बधाई.
भारत के इतिहास में ये दिन सुनहरे अक्षरों से अंकित है, ये दिन कोई आम दिन नहीं है, ये हम सबके लिए, हर भारतवासी के लिए और जो अपने देश से, अपनी मातृभूमि से प्रेम करता है, उन सबके लिए अति महत्वपूर्ण और ख़ास है.
इस दिन का इतिहास अगर हम देखे तो, हमारे सर सम्मान और श्रद्धा से झुक जाएंगे, लेकिन इतिहास के पन्नो में झांकने से पहले, मैं आपको कुछ और बताना चाहता हूँ, आज के हालात और परिस्थिति से अवगत करवाना चाहता हूँ, आप सब भी जानते है और देख रहे है, लेकिन आपका ध्यान उस और नहीं गया होगा, और गया भी हो तो इसपे इतना गौर नहीं किया होगा.
जैसे देश के लिए आज इस महामारी के दौरान हमारे वीर योद्धा डटे हुए है, अपने प्राणों को दांव पर लगाकर भी जो हमारी जान की रक्षा करने के लिए तत्पर रहते है, चाहे वो भारत की सेना हो या डॉक्टर या अन्य वो आम नागरिक, जिसने इस में योगदान दिया, वो सभी हमारे लिए सम्माननीय है और मैं उनका तहेदिल से सम्मान करता हूँ, आदर करता हूँ.
समय कोई भी हो, परिस्थिति कोई भी हो मगर हमारे लिए जो अडिग खड़े है, जो हमारे लिए रात दिन नहीं देखते और जुट जाते है, हमें बचाने के लिए, भारत के उन सभी जांबाजो को मैं दिल से सलाम करता हूँ, और आप सभी से विनती करूँगा की आप भी उनके इन महान कार्यो के लिए तालियों से उनके प्रति आदर और सम्मान की एक छोटी सी ज्योत जलाए.
ऐसे ही कोई महान नहीं बन जाता या उसे याद नहीं किया जाता, उसके लिए कड़ी मेहनत और देशभक्ति का भरपूर जज्बा सिने में होना चाहिए, आज इस कडकडाती ठण्ड में हम अपने घरो में दुबके हुए रहते है, तो वही भारत माता के वो सपूत हिमालय में, बर्फीले मौसम में भी देश की सेवा करते है, और कही गर्मी में झुलसते रेगिस्तान में अडिग खड़े रहते है, क्यों… क्योकि उन्हें देश से प्यार है, हम सब से प्यार है.
सिर्फ पैसा कमाना ही लक्ष्य नहीं है, पैसा तो और भी किसी तरीके से या कोई और काम करके भी कमा सकते है, मगर हर किसी के बस की ये बात नहीं की वो, देश की सेवा करे, अरे…. ये तो कोई कोई माँ के लाल होते है जो अपनी सरहद की सीमाओं पे, अपने सर पर कफ़न बाँध के खड़े होते है.
ये सब कहने का मतलब सिर्फ इतना है की सबसे पहले हमारे भी दिल में अगर कोई बात आए तो, वो देश की आनी चाहिए, उसके बाद ही सबकुछ.
धड़कन दिल की सिने में बस, एक ही शोर करती है
देशभक्त या है कोई गद्दार, हर चेहरे पे गौर
करती है
रगों में बहता खून उबाले, मार मार ये कहता है
सर झुके तो इस मिट्टी में, नजर यही पे ठहरती है
ये दिन हम सबने न जाने कितनी बार मनाया होगा, बचपन से लेकर आज तक हम हर गणतंत्र दिवस पे कुछ नारे लगात है, देशभक्ति के गीत गाते है, और तिरंगा फहरा के अपने घर चले जाते है, बस ये एक दिन ही हमारे लिए देशभक्ति का दिन है, बाकी दिनों में तो कोई याद भी नहीं करता, क्यों….
नहीं ऐसा नहीं होना चाहिए, देश है तो हम है, भारत है तो भारतीय है, इसलिए आज के बाद हर दिन एक या दो मिनट अपने देश के लिए भी निकाले, देश के लिए भी सोचे. तभी हम कह सकते है की हमारे सिने में देशभक्ति का जज्बा है.
आज इतहास पर नजर डाले तो हमारे वीरो ने क्या नहीं किया, वो सपूत माँ भारती के जिन्होंने देश के लिए उस उम्र में अपनी जान कुर्बान कर दि, जिस उम्र में हम स्चूलो में कालेजो में पढ़ते है.
क्या उनके कोई सपने नहीं थे या वो जीना नहीं चाहते थे, मेरे दोस्तों उनके भी सपने थे, उनके दिल में भी चाह थी जिंदगी की, लेकिन बात जब माँ की आती है, इस भूमि की आती है, इस धरा की आती है, इस धरती की आती है, तो सारे सपने एक तरफ और माँ भारती एक तरफ, सबसे जरुरी है ये देश
वतन पे फ़िदा होने पे, वतन की माटी कहती है
बरसो सदियों तलक रूह, मेरे आगोश में रहती है
आ आँचल तुझे दूं मैं तिरंगी, सिने से लिपटा
रखूंगी
कण कण में हो बसर तेरा, हवाओं में खुशबूं बहती
है
ये आजादी के उन दीवानों के लिए, इस धरती की माटी भी फक्र करती है,
बलिदान…
बलिदान कभी जाया नहीं होता, मिट जाने से कोई
पराया नहीं होता
नजरो का फेर है मेरे यारो वर्ना, कौन कहता है
की रातो में साया नहीं होता
आज उन सभी बहादुर देशभक्तों को सलाम करते हुए, आज की ये अंतिम पंक्ति कहने के साथ, मैं अपना स्थान ग्रहण करूँगा की,
भारत माँ तेरे चरणों में, हम शीश अपना चढ़ा
देंगे
जब तलक रहेगी साँस ये, हम तुझपे वो भी लुटा
देंगे
जय हिन्द, भारत माता की जय.
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