15 अगस्त Desh Bhakti Song – देशभक्ति गीत – देशभक्ति भाषण शायरी के साथ

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Last updated on July 16th, 2024 at 03:23 am

ये मुल्क ही मेरी जान है, ये मुल्क ही मेरी आन है
ये जान, आन, ये शान मेरा, भारत देश महान है

है ताज हिमालय का सर पे, चरणों में गंगा बहती है
कही शबरी है कही मीरा है, कही पन्नाधाय रहती है
ये धरती है संस्कारों की, कण कण में इसके ज्ञान है

है राणा, शिवा से वीर यहाँ, भगत सिंह से शहीद यहाँ
होली दीवाली के संग में हम, मना रहे है ईद यहाँ
ये सब धर्मो की बगियाँ है, सब ही एक समान है

यहाँ गौतम, बुद्ध कबीर हुए, जो ज्ञान का पाठ पढ़ाते थे
संत विवेकानंद से थे जो, सबको राह दिखाते थे
इस धरती को वंदन करते है, बसते यहाँ भगवान है

15 अगस्त देशभक्ति भाषण शायरी के साथ

देशभक्ति का जज्बा, जिसके दिल में होता है
हो देश खतरे में तो वो, कब चैन से सोता है
कफ़न सर पे बाँध के, दुश्मन से जो टकराता है
आजाद हिन्द के सपने, वही तो जगाता है

आज 15 अगस्त, स्वतंत्रता दिवस पे आप सभी को प्रणाम, ये स्वतंत्रता दिवस, जो हमने हासिल किया, गोरो से लड़ के, ये हमारी मातृभूमि ये जननी, हमारी माँ है, हम इसके आँचल में पलते है, और ये सुख पाने को, न जाने कितने मचलते है

हमारा देश आजाद हुआ, अंग्रेजो की हुकूमत से, उस यातना को जिन्होंने झेला है, वाही जानते है, की क्या हुआ था, चाहे वो जलियांवाला, बाग़ हो, या हमारे वीरो को सूली पे चढ़ाना हो, हम भूल नहीं सकते, उन जवानो को हमारे भाइयो को, जिन्होंने बलिदान दिया, अपनी जाँ भारत पे निछावर कर दी

वो भगत सिंह इन्कलाब बोल के, दुश्मन से जा लड़ता था
और चन्द्रशेखर आजाद, मौत से जा के भिड़ता था
वो खून बहा के भी न डरे, मैदा में जंग को जीत आए
गोरो के घर में घुस कर जो, छाती उनकी चीर आए

उन शहीदों को सलाम करता हूँ, वन्दे मातरम कहता हूँ, इस धरा को जिसमे ऐसे सपूत मिले, वो न होते तो आज शायद हम भी न होते, आज मैं आपको आज का इतिहास नहीं बताऊंगा, वो तो आप सब जानते है, आज बात करूँगा उन दीवानों की, जो भारत माँ पे जान लुटाते थे

आँखों में जिनकी शोले धधके, रगों में खून उबाल रहा
भारत माँ हो आजाद कैसे, मन में उनके भूचाल रहा
वो नहा रहे थे खून की होली, वो जवान जिंदाबाद रहे
हम तुम रहे या न रहे पर, नाम उनका आबाद रहे

वो सच्चे देशभक्त थे, जिनकी वजह से हम यहाँ खुली हवा में बैठे है, और आज भी हमारे जवान सीमा पर, हमारी सुरक्षा में तैनात है, उन्हें वंदन करता हूँ, सलाम करता हूँ, स्वतंत्रता दिवस की आप सभी को बधाई, जय हिन्द, वन्दे मातरम, भारत माता की जय

स्वतंत्रता दिवस पर भाषण

दोस्तों आज लेकर आया हूं आपके लिए 15 अगस्त पर यह भाषण, शायरी के साथ में ,आप इस भाषण को स्कूल में बोल सकते हैं मंच संचालन के दौरान किसी भी मंच पर बोल सकते हैं यह संपूर्ण भाषण शायरी के साथ बोलने से आप के भाषण में चार चांद लग जाएंगे, तो आज स्वतंत्रता दिवस पर यह भाषण जरूर सुने और आप भी बोले

आदरणीय गुरुजनों एवं उपस्थित सभी सम्माननीय अतिथियों को सादर प्रणाम करता हूं एवं मेरे मित्रों का अभिनंदन करता हूं साथ ही  आप सभी का तहे दिल से शुक्रगुजार हूं कि आज के इस शुभ दिन पर, इस गौरवशाली दिन पर, मुझे आपके समक्ष बात रखने का अवसर प्रदान किया, यह मेरे लिए बड़े सौभाग्य की बात है|

कि मैं उन शहीदों का, देश के जांबाज़ हीरो का, देश के क्रांतिकारियों का गुणगान करू, हम आज यहां पर यह स्वतंत्रता दिवस मना रहे हैं और हर साल मनाते आए हैं लेकिन इस आजादी के लिए हमने क्या खोया है कितने बलिदान दिए हैं इस बारे में नहीं सोचते मगर आज की आजादी, कल के हमारे बलिदानों से मिली है यह तिरंगा जो आसमान की ऊंचाइयों को छूते हुए लहराता है तो हमारे चेहरे पर खुशी छा जाती है इस तिरंगे का सम्मान हमेशा करना चाहिए

रहे तिरंगा ऊंचा हरदम बात है यह सम्मान की
देश भक्ति वंदे मातरम हर दिल के अरमान की
राणा शिवा भगत सिंह वीरों के बलिदान की
सदा सलामत रहे हमेशा धरती हिंदुस्तान की

यह वह धरती है यह वह भारत है जो सोने की चिड़िया कहलाता था इस देश पर सदियों से दुश्मनों की नजर रही है और
जब जब मौका मिला इसे लूटा गया है कभी मुगलों ने हमले किए, तो कभी अंग्रेजो ने गुलाम बनाया मगर आगे यह नहीं होना चाहिए, गुलामी की जंजीरों से हमें आजाद कराने के लिए जो खून बहा, जो लड़ाइयां लड़ी गई सीने पर गोलियां खाई गई उन्हें हम भुला नहीं सकते अरे हमारी तो यह परंपरा रही है कि दुश्मन भी घर आए तो स्वागत करते हैं

जो भी घर आता है हमारी जान बन जाता है
हमारी सभ्यता संस्कृति की पहचान बन जाता है
परंपरा यह सदियों की हम आज भी निभाते हैं
घर आया हुआ मेहमान भगवान बन जाता है

 

और इसी हमारे भोलेपन और अपनेपन ने हमें नुकसान पहुंचाया है दोस्त को दोस्त की तरह मिलो मगर दोस्ती के भेष में कोई लुटेरा मिले कोई दुश्मन मिले तो उसे उसके नापाक इरादों में सफल नहीं होने देंगे

लहू गिरे धरती पर तो दुश्मन सारे कांप उठे
वंदे मातरम सबके ही दिल से यह आवाज उठे
कहीं कहानी जाए सुनाएं भारत के वीर सपूतों की
तो देश के जहाजों में अपना भी नाम आए
कौन करे कुर्बानी बताओ कौन देश के काम आए
एक दिन तो अपने हिस्से भी यह दीवानी शाम आए

हमारे वीर सपूत भगत सिंह चंद्रशेखर आजाद सुभाष चंद्र बोस और अनगिनत भारत मां के लाडलो ने अपने प्राणों की आहुति आजादी के लिए दी है और आज भी सरहद पर हमारे जवान भाई हमारे लिए तैनात है हमें हर कदम उनके साथ रहना है

वतन के बागबान बनकर हिफाजत हम करेंगे
आन पड़ी मुश्किल तो पहले सफर हम करेंगे
लहू से सींचा है पुरखों ने जिस गुलसिता को
फूलों की उसके हरदम फिकर हम करेंगे

देश प्रेम का मन में ख्वाब रखना होठों पर अपने सदा इंकलाब रखना
और थर्रा उठे दुश्मन का सीना चेहरे पर अपने वो आब रखना

आप सभी को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं जय हिंद जय भारत वंदे मातरम

Hi, I'm Hitesh Choudhary (Lyricist), founder of NVH FILMS. A blog that provides authentic information, tips & education regarding manch sanchalan, anchoring, speech & public speaking.

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