Top 100 + Desh Bhakti Shayari In Hindi |New Desh Bhakti Shayari | Patriotic Shayari | nvh films

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Last updated on August 1st, 2024 at 09:05 pm

 100 Desh Bhakti Shayari In Hindi

Desh Bhakti देशभक्ति शायरी हो तो भाषण में चार चाँद लग जाते है, तिरंगा शायरी या शहीदों की शायरी मंच पे बोलने के लिए एक बहुत ही शानदार रोल निभाती है और हम आपकी ज़रूरत को समझते हुए, लेकर आए है आपके लिए हितेश चौधरी की लिखी हुई ये ज़बरदस्त शायरियों का ख़ज़ाना।

Top 100 + Desh Bhakti Shayari In Hindi


Best 100 Desh Bhakti Shayari In Hindi

1


जो खौल नहीं सकता, वो खून नहीं पानी है
जो देश के काम न आए, बेकार वो जवानी है
मर मिटो वतन पे, नाम शहीदों में लिखवाओ
बता दो हर एक को, के हम हिन्दुस्तानी है

~~~

Jo khoul nahi sakta, Wo khoon nahin pani hai
Jo desh ke kaam na aaye, Bekar wo jawani hai
Mar mito watan pe, Naam shaheedon me likhwao
Bata do har ek ko, Ke hum hindustani hai
~~~

2

जीना उसीका जीना है, जो मरना वतन पे जाने
आन शान को देश की, जो जान से ज्यादा माने
शम्मा है ये वतनपरस्ती, दिल इसपे निशार है
जाँ लुटा दे इसकी लौ में, हम उसके परवाने

~~~

Jeena usika jeena hai, Jo marna watan pe jaane
Aan Shan ko desh ki, Jo jaan se jyada maane
Shamma hai ye watanparasti, Dil ispe nishar hai
Jaan luta de iski lau main, Hum uske parwane
~~~

3

रहे साँस जब तलक, नाम जुबाँ पे आएगा
बाद हमारे भी यारो, ये परचम लहराएगा
आवाज उठेगी यलगार होगा, कोई रोक न पाएगा
ऊँचा था सदा तिरंगा, और ऊँचा उठ जाएगा

~~~


Rahe saans jab talak, Naam Cubaan pe aayega

Baad hamare bhi yaaron, Ye parcham lahrayega

Aawaz uthegi yalgar hoga, Koi rok na paayega

Uncha tha sada tiranga, Aur uncha uth jaayega

4

मेरी रगों में बहता, खून अभी बाकी है
मेरे सिने में हिन्दुस्तान, अभी बाकी है
मुझे जात धरम में, मत उलझाओ
मुझमे अभी इंसान, बाकी है

5

मजहब मेरा ईमान, देश प्रेम ही जाति है
वतनपरस्ती की बातें, दिल को मेरे भाती है
हरदम मेरे सिने में, एक ही आवाज आती है
सर कभी न झुके कहीं, दिल की धडकन गाती है

6

मैं लुटा दूं अपनी जाँ, भारत के निर्माण में
मेरा हर एक कदम है, भारत के कल्याण में
है मोहब्बत मेरे दिल में, वतन मेरा महबूब है
है मेरा भी गौरव समाया, भारत के अभिमान में

Tiranga Shayari

7

रहे तिरंगा ऊँचा हरदम, बात है ये सम्मान की
देश भक्ति वन्दे मातरम, हर दिल के अरमान की
राणा शिवा भगत सिंह, वीरो के बलिदान की
सदा सलामत रहे हमेशा, धरती हिंदुस्तान की

8

मरके भी जिन्दा रहे, ऐसी शान होनी चाहिए
कफ़न तिरंगा और, होठों पे मुस्कान होनी चाहिए
मरते तो सभी है, जहां में लेकिन
मरके भी जिन्दा रहे, वो आन होनी चाहिए

9

शुभ दिन है लहराओ गगन पे, आज तिरंगा प्यारा
आज़ादी का ये दिन है, है त्यौहार ये हमारा
गूँज रहा है देश प्रेम के, नारों से हिंदुस्तान
कौमी एकता का जलवा, देखे ये ज़माना सारा 

10

शुभ दिन है लहराओ गगन पे, आज तिरंगा प्यारा
आज़ादी का ये दिन है, है त्यौहार ये हमारा
गूँज रहा है देश प्रेम के, नारों से हिंदुस्तान
कौमी एकता का जलवा, देखे ये ज़माना सारा 

desh bhakti shayari

Samvidhan Shayari

11

लिखा संविधान इतना प्यारा, हर मन को भाया है
आजादी का हर उत्सव, हर जन को हर्षाया है
कही बिगुल बजे कही, बजी ध्वनि नारों की
भारत माता का चेहरा, फिर से आज मुस्काया है

12

फूल है हम उस माला के, जिसको लहू से सींचा है
भांति भांति के धर्मो का ये, सुन्दर सा एक बगीचा है
पहनावे और खान पान में, अंतर हमको दीखता है
पर बात आए जब एकता की, न ऊंचा न कोई निचा है

13

ये है भारत ये है सभ्यता, आओ जहाँ को बतलाते है
हमको कभी न कम आंकना, आओ सब को दिखलाते है
प्रेम करो तो गले लगाए, बाहों में हम भर लेते है
प्रीत प्यार की रीत हम, आओ जहाँ को सिखलाते है

Desh Prem Shayari

14

देश पे मरने वाले का सम्मान होना चाहिए
देश भक्त का दुनिया में नाम होना चाहिए
भारत माँ का लाडला होता लाखो में एक
उस सितारे का जहां में प्रकाश होना चाहिए

15

हम बेटे है भारत के हम माँ के लाल कहाते है
देशप्रेम में ओतप्रोत हम निज खून बहाते है
संकट न कोई आए हम माँ के पहरेदार है
हम में है वो जज्बा के हम शेर से भी भीड़ जाते है

16

देश ही सबसे पहले आता देश से ऐसा नाता है
सोचु कुछ और भी तो कुछ और न बोला जाता है
मैं भारत का भारत मेरा सदियों की प्रीत पुरानी है
मस्तक मेरा खुद ही इसकी माटी में झुक जाता है

17

मेरी साँसे नगमे गाती देशप्रेम की क्यारी में
हम सभी रहते जहाँ प्यार की फुलवारी में
मेरा मकसद मेरा भारत रहे ऊँचा ही हरदम
चाहे कोई जोर लगाले कितनी भी तयारी में

Watan Pe Shayari

18

जिऊँ तो जुबाँ पर, नाम हो तेरा
मर जाऊँ तो तिरंगा, कफ़न हो मेरा
मैं ख्वाहिश नहीं करता, सोने चांदी की
निकले जहाँ साँसे, वो मादरे वतन हो मेरा

19

देश प्रेम का मन में, ख्वाब रखना
होठो पे अपने सदा, इन्कलाब रखना
और थर्रा उठे, दुश्मन का जिगर
चेहरे पे अपने, वो आब रखना

20

कुछ नहीं मिलेगा, सिमट के सनम की बाहों में
देश पे मर मिट जा, तेरा नाम हो जाएगा
और कतरा लहू का, एक भी गिरा जमीं पर तो
शहीदों में शुमार, तेरा नाम हो जाएगा

21

धधकते शोलो को, सिने में जलाए रखना
देशप्रेम को दिल में, बसाए रखना
पड़ जाए कभी जरुरत, तो पीछे मत हटना
राणा शिवा को मन में, बसाए रखना

25

इस सरहद के निगेहबान है हम
माँ भारती के लाल है हम
दोस्त है अपनों के लिए
दुश्मन के लिए काल है हम

26

माँ भारती की गोदी में, पलकर हम है बड़े हुए
आँच आई जब माँ पर, मिलके सब है खड़े हुए
जान हमारी तेरे नाम है, नाम तेरे ये जवानी है
कायर नहीं समझे कोई, शेरो के संग है लड़े हुए

27

रंग बिरंगे फूलो की, बगिया है हिंदुस्तान
सत्य अहिंसा चैन अमन से, खिल रहा गुलशन
सब धर्मो के मोती इसमें, सब जाती के लोग
इस धरती पे जन्म लेने, खुद आते भगवान

28

मोर पपैया कोयल काली, बागो में गीत सुनाते है
होली दशहरा ईद दिवाली, मिलके हम मनाते है
जुदा हमें क्या कोई करेगा, एक माँ की संताने है
एक दूजे के लिए यहाँ, हम जान की बाज़ी लगाते है



स्वतंत्रता दिवस पे शायरी

29

लुटा गए जो जान वतन पे, वो भारत के बेटे थे
ठंडी छाँव तुम्हे देने को, वो अंगारों पे लेटे थे
खून खौल के बोल रहा था, है इन्कलाब जिंदाबाद
वो सपूत अपने सर पे, घूमते कफ़न लपेटे थे

30

वो ना होते तो हम कभी, आजाद नही होने वाले थे
अपनी जाँ की फिकर किए बिन, वो खून की होली खेले थे
मरके भी जो अमर हो गए, इतिहास कहानी सुनाता है
एक एक सिने पर वो दीवाने, सौ सौ गोली झेले थे

31

याद उन्ही को करता हूँ, मैं नित नित सर को झुकाता हूँ
कोई जवान सीमा से आए, तो अपने गले लगाता हूँ
रिश्ता खून का नहीं मगर, ये सब रिश्तो से ऊंचा है
ये रक्षक है मेरे तुम्हारे, मैं घर घर जाकर बताता हूँ

32

हम आजाद तभी तक है, जब तक सीमा पर जवान है
उनके दम से ही तो महकता, ये मेरा हिन्दुस्तान है
वो है तो हम है सलामत, वर्ना दंगो से घिर जाते
ना होती ये आजादी तो, कहो कैसे हम इसे मनाते

33


उनकी आँखें सरहद की, निगेहबान बनके रहती है
नजर उठे न कोई देश पे, ये दुश्मन से कहती है
झुलस रहे वो गर्मी में, सर्दी में ठिठुर के काँप रहे
फिर भी कोई शिकवा नहीं, हर सांस जय हिन्द कहती है

34

वो मेरे भाई से बढ़कर, वो बेटे से भी दुलारा है
हर सैनिक जो देश पे मरता, मुझे अपनी जाँ से भी प्यारा है
अगर जरुरत पड़े कही मेरे, खून का कतरा कतरा ले लेना
उस सैनिक की जान बचाना, जिसने सबका भाग्य संवारा है

जय हिन्द वंदे मातरम

35


देशप्रेम ही जिनका लहू था, कतरा कतरा कुर्बानी थी
साँस साँस थी वतन परस्ती, शोलो में चिंगारी थी
आजादी था मकसद जिनका, रंगी खून में जवानी थी
कौन शहीद पहले होगा, ये होड़ लगी बड़ी भारी थी

36

भगत सिंह आजाद यही पे, जान से अपनी खेले थे
रंग दे बसंती चोला मेरा, जुबाँ से यही वो बोले थे
क्या रंग था वो भी देशप्रेम का, लगे यहीं पे मेले थे
मरते वक्त भी लब उनके बस, इंकलाब ही बोले थे

37

ये भारत भूमि ऋणी रहेगी, देश के उन दीवानों की
बरसो सदियों तक कहेगी, गाथा उन परवानो की
हम भूल नहीं सकते कभी, भारत के वो ही हीरो थे
जान लुटा दी देश पे जिन्होंने, कुर्बानी वो जवानो की

देशभक्ति स्वतंत्रता दिवस शायरी

38

मैं लिख रहा था इंकलाब, जब शहीदों की बात निकली
मेरी कलम से स्याही की जगह, खू की धारा बह निकली
मेरी आँखों से अश्क नहीं, अंगारे बरस रहे थे
कुर्बानियों की शहीदों के, जब दिल से याद निकली

39

है मुझे ये नाज के, मैं हिन्द का बाशिंदा हूँ
आजाद वतन की सरजमीं पे, उड़ता हुआ परिंदा हूँ
हो जाऊं गर मैं ख़ाक तो, मुझको नहीं उठाना तुम
घुल जाने दो रूहे वतन में, लगे की मैं जिन्दा हूँ

40

नफरत मुझे देशद्रोही से, दुश्मन मेरा गद्दार है
चाहता मैं बस उसी को, वतन से जिसको प्यार है
सर फक्र से ऊंचा रहे, मेरा मुल्क हिन्दुस्तान है
देशप्रेम मेरा है लहू, और तिरंगा मेरा यार है



भारत हमको जान से प्यारा

41
भारत हमको जान से प्यारा, भारत देश हमारा है
दुनिया के माथे पे चमकता, तेज सितारा हमारा है
कही गगन में फहराता, शान ए तिरंगा हमारा है
वन्दे मातरम् हर जन के, मन में आज उतारा है

42
दिवस आज का बड़ा सुहाना, आजादी की शान है
यही हमारा पर्व धर्म है, जिसपे दिल कुर्बान है
इस दिन की खातिर हमने, कितनी राते काटी है
तब जाके हमें मिला ये, हिन्दुस्तान हमारा है

43
आओ मिलके आज चले, सूरज न ढलने देंगे हम
पुरखो की जागीर को, अब न मिटने देंगे हम
जन्मे यही हम बड़े हुए, अपने पैरो पे खड़े हुए
इस माटी की खाए कसम, आंच न आने देंगे हम

44
झूठ नहीं हम कहते कभी, सच्चाई पे चलते है
पर कोई जो दगा करे, वक्त पे उसे कुचलते है
भारत माँ के हम लाडले, हमको इसपे गर्व है
गद्दारों का फन कुचलने, मन में बड़े मचलते है

45
वैसे तो हम शांत है, गंभीर बड़े हम रहते है
दुश्मन को भी एक मौका, हम देते रहते है
पर भारत पे आँख उठाए, इज्जत पे हाथ डाले तो
सर कटा देते है पर, सर उठा के रहते है

46
माँ बहन बेटी हमारी, इनकी लाज प्यारी है
हमको अपनी जान से ज्यादा ये दुलारी है
लाज शर्म है गहना हमारा, इज्जत ही सरताज है
इसको कोई मिटाए तो, फिर लड़ने की तयारी है

47
जीना उसीका जीना है, जो मरना वतन पे जाने
आन शान को देश की, जो जान से ज्यादा माने
शम्मा है ये वतनपरस्ती, दिल इसपे निशार है
जाँ लुटा दे इसकी लौ में, हम उसके परवाने

Desh Bhakti Shayari In Hindi

48
रहे साँस जब तलक, नाम जुबाँ पे आएगा
बाद हमारे भी यारो, ये परचम लहराएगा
आवाज उठेगी यलगार होगा, कोई रोक न पाएगा
ऊँचा था सदा तिरंगा, और ऊँचा उठ जाएगा

49
चिंगारी मेरे बदन में, किसी बिजली से कम नहीं होती
देशप्रेम से बड़ी कोई, मेरे लिए कसम नहीं होती
यूं तो जिन्दगी में आकर, चले जाते है सभी लेकिन
तिरंगे से लिपट के मरे, वो मौत जन्नत से कम नहीं होती

50
हो खतरा दुश्मन से, या विपदा आए कोई
हर सैनिक मुस्तैद है, उनकी आँख न सोई
हम पे कर्ज है उनका, उनकी शहादत जो हुई
वंदन करना उन्हें जिनकी, देह है अमर हुई

दोस्तों आपको ये शायरी कैसी लगी हमें जरुर बताए और हम लेकर आते रहेंगे आपके लिए बिलकुल नई नई शायरी, हर टॉपिक पर हमारे पास शायरी का भण्डार है, और हम ये शायरी आपके लिए खुद लिखते है ताकि आपको हर बार मिले बिलकुल नई शायरी.

51

ये वक्त समय घडी तो, पल में गुजर जाएगा
जिस माँ ने खोया है वो, बेटा कहाँ से आएगा
ये बलिदान एक क्रांति, एक नया रंग लाएगा
देश के हर जवान के, खून में उबला आएगा

52
इन्कलाब मेरे देश में, भगत सिंह ने लाया था
वो शेर था ऐसा के, माँ का दूध नहीं लजाया था
हर दुश्मन हर कदम, मुहं की ही खाया था
जब आजादी का बीड़ा, अपने कंधे उठाया था

53
मरके भी जो अमर हो गए, थी बात उन जवानो में
शम्मा की लौ में भी जो हँसे, थी बात कुछ परवानो में
जीना क्या ये जीना है जो, सर झुका के चलते है
शेर वहीँ जो कंटीली, राहों से होकर गुजरते है

54
भूल चूका हूँ दर्द पुराना, अपना वतन आबाद रहे
हर सरहद पे मेरे भाई, तू खुश रहे शाबाद रहे
भारती के लाल तुझे ही, सीमाओं को बचाना है
तेरे बाद भी सदियों तलक, नाम तेरा आबाद रहे

55
रंग फीका न पड़े कहीं, ये ध्वज देश की शान है
इसी तिरंगे पे तो हर, भारतवासी कुर्बान है
यही गंगा यही हिमालय, यही हिन्द की जान है
तीन रंगों से बना ये, अपना हिंदुस्तान है

56
कही किसी के हाथो में, कही किसी चौबारे पे
लहराता है जब तिरंगा, घर के किसी द्वारे पे
मन खुश होक ये गाता, है शान भारत माता की
मस्जिद मंदिर धर्म सभा, या किसी गुरूद्वारे पे

57
ये झुके तो देश झुके, इतना ही बस समझ लेना
देश के हर गद्दार, दोगलो से ये तुम कह देना
अगर प्यार है देश से, तो भौकना अब बंद करो
हर देशप्रेमी लहराएगा, हर घर तिरंगा कह देना

58
तुम सेना में जा के, हर माँ के लाल से कह देना
अगर दिखे आँख नम, बाहों में उसे भर लेना
कहीं अकेले तुम नहीं, हर कदम हम साथ है
जहाँ लगे तुम हो अकेले, आवाज हमें दे देना

59
तुम सीमा पर लड़ रहे हो, देश की शान बचाने को
खून का हर कतरा तुमने, लगाया फर्ज निभाने को
सांस सांस लम्हा लम्हा, किया समर्पित भारत को
घर परिवार खुशियाँ भूली, देश को तुमने सजाने को

60
राते जाग के काटी तुमने, तपते सहरा में गम झेले
फिर भी कभी न कम हुए, देशभक्ति के वो मेले
कहीं तोपों की गर्जन है, कहीं बौछारे गोली की
हर मैदां में डटकर जंग, बहादुरी से तुम खेले

61
अगर बस में हो मेरे, ग़म में तुमसे मांग लूं
कदम जहां पे तुम रखो, उस जमीं को चूम लूं
आगोश में लेकर तुम्हे, दिल में तुम्हे उतार लूं
पूजूं तुम्हे देखा करु, ये जिंदगी संवार लूं

62
तुम हो बिंदियाँ माथे की, हम चरण की धुल है
तुम ही हिन्द के बेटे हो, तु ही सुगन्धित फूल है
तेरा जीना मरना तेरा, हर काम देश के नाम है
सर फक्र से ऊँचा रहे, चाहे मरना भी कबूल है

63
तू सारथि है देश का, तू युद्ध में रणवीर है
है हमारा हीरो तू, तू ही तो शूरवीर है
हिन्द की लहराती पताका, तेरे ही तो दम से है
तू ही साथी तू ही हमदम, तू ही तो दिलबर है

64
फूलो की क्यारी में गम है, और आँखे पुरनम है
दूर हमसे भाई हमारा, सरहद पे गुमसुम है
क्या दर्द है क्या बैचेनी है, क्या दुःख है पूछो ना
वो डटे रहे खातिर हमारे, भूल गए क्यों हम तुम है

65
उनकी भी तो बहन होगी, जो हर राखी पे याद करे
और बीवी उनके गम में, जाकर किसे फरियाद करे
माँ कहती बेटा आएगा, आँख का तारा कहती जिसे
घर या सीमा दोनों में से, वो किसे आबाद करे

66
आओ एक एक दिन हम भी, सरहद पे पहरा दे आए
देशप्रेम अपने सिने का, सीमा पर दिखला आए
वो मिल आए घर वालो से, हम दुश्मन से लड़ आए
हो जाए गर ऐसा तो फिर, एक नई मिशाल बन जाए

67
कोरोना का कहर छाया है, सन्नाटा है चारो और
फिर भी 15अगस्त को हम, फहराएंगे तिरंगा हर और
घर के द्वारे छत पर भी, और हमारे हाथों में
देशभक्ति की ज्योति, बिखराएंगे चहूँ और

68
स्कूल कोलेज बंद है जब तो, वहाँ मना न पाएंगे
एक दूजे को बधाई संदेश, फोन से भिजवाएंगे
वंदन करके ध्वज फहरा के, जन गण मन गाएंगे
शहीदों को श्रद्धांजलि देके, आदर में सर झुकाएंगे

69
मन में जो स्थान तुम्हारा, वो कभी न मिटने वाला
कोरोना तो एक बीमारी है, कुछ दिन में है जानेवाला
पर तुम्हारा ये सम्मान, कभी नहीं घटने वाला
वंदन तुमको वीर जवानों, हर पल है बढ़ने वाला

रहे सलामत हिंदुस्तान

70
मेरे लब पे एक दुआ है, रहे सलामत हिंदुस्तान
सरहद की सीमाओं पर, डटे हुए है सारे जवान
आंधी तूफां से न डरे वो, ज्वालामुखी है सिने में
भारत माता के खातिर जो, लूटा देते है अपने प्राण

71
ख्वाब जिनके आजादी है, सपने जिनके है वतन
जय हिन्द हर सांस पुकारे, कहती हमसे ये पवन
जिनका लहू चंदन सा महके, जिनके मन है अमन
पर कभी झुकना न जाने, खतरे में न पड़ जाए चमन

72
आँख खुले तो भारत माँ के, चरणों में वंदन करते है
शेर बड़े बहादुर है वो तो, किसी से भी न डरते है
माँ का आँचल जिनको प्यारा, आँच कभी न आने दे
बने तिरंगा कफ़न हमारा, खवाहिश आखरी करते है

माँ तुझे सलाम

73
मिट्टी वतन की सर पे लगा, सीमा पे पहरा देता हूँ
जबाँ खुले तो ए भारत माँ, मैं नाम तेरा ही लेता हूँ
मांगूं दुआ जब हाथ उठा, बस इतना ही कहता हूँ
जन्म मिले इस माटी में, जय हिन्द ही कहता हूँ

74
तेरी बाहों में मचलती, गंगा यमुना बहती है
और पनाहों में तेरे ही , वेद कुरान रहती है
इतनी दयालु माँ की ममता, फिर से पाना चाहता हूँ

75
मर जाऊं तो गम नहीं, बाँहों में अपनी समां लेना
तेरे चरणों की मिट्टी थोड़ी, सर पे मेरे लगा देना
कफ़न तिरंगा हो मेरा ये, अभिमान जगाना चाहता हूँ

भाषण शायरी

76
मेरे लबो पर सबसे पहले, वंदे मातरम आता है
हरदम हरपल मेरा दिल, भारत भारत गाता है
ख्वाबो खयालो सपनो में, ये तिरंगा लहराता है
आँख खुले तो जुबाँ पर, बस जय हिन्द आता है

77
रगों में हमारी खून बहता, मत समझो के पानी है
इस देश में रहने वाला, हर शख्स हिन्दुस्तानी है
मातृभूमि ये जन्मभूमि है, भारत की बात निराली है
भारत को ही समर्पित, ये हमारी जवानी है

78
कश्मीर से कन्याकुमारी, भारत देश हमारा है
हर दिल की धड़कन ने, मिलके यही पुकारा है
भारत में जो रहता है, वो भारत का वासी है
करो वंदन इस धरा को, ये मथुरा और काशी है

79
करता हूँ भारत माता से गुजारिश
कि तेरी भक्ति के सिवा कोई बंदगी न मिले
हर जनम मिले हिन्दुस्तान की पावन धरा
या फिर कभी जिंदगी न मिले..!!

80
जिन्हें है प्यार वतन से, वो देश के लिए अपना लहू बहाते हैं
माँ की चरणों में अपना शीश चढ़ाकर, देश की शान बचाते हैं
ये धरती ही मेरी माँ है और, ये मिट्टी ही मेरा भगवान है
हम पसीना बहा के यहाँ, माटी को चंदन बनाते है

81
ये वीरो का बलिदान हम जाया नहीं होने देंगे
कर्ज हमपे किसीका हम बकाया नहीं होने देंगे
जो लुटा गए जान अपनी देश प्रेम के दीवाने
उन शहीदों का हम अपमान नहीं होने देंगे

82
है दिल में देशप्रेम तो आओ जय हिन्द कहते है
उठा के तिरंगा चलो हम वन्दे मातरम् गाते है
जो देखे ख्वाब पुरखो ने जो सपने सजाए
आओ मिलके उनको हम हकीकत बनाते है

83
है लहू हमारी रगों में बहता, खून नहीं वो ज्वाला है
इस देश पे जो मर मिट जाता, वो कोई दिलवाला है
लावा जैसे धधक रहा हो, हर सिने में अंगार है
कोई आँख उठे भारत पे तो, तांडव होने वाला है

84
मेरे लिए तुझसे बढ़के, और नहीं कोई सुरत है
हिंदुस्तान है मेरी जाँ, किसी और की नहीं जरुरत है
देखी दुनिया हमने मगर, नजर कही भी न ठहरी
भारत से बढ़कर के कोई, और नहीं खुबसुरत है

85
यहाँ तिरंगा है, गंगा है, बहती कल कल यमना है
हर एक की ये हसरत, यहाँ जन्म पाने का सपना है
यहाँ शांति है क्रांति है, ये ऋषियों की धरती है
मेलजोल है अपनापन है, भारत को सबने बखाना है

86
खून रगों में दौड़ रहा है, राणा जैसे शेरो का
इस धरती के कण कण में, शौर्य छुपा है वीरो का
बलिदानों की ये भूमि, सारे जग ने बखाना है
भारतवासी होना भी, खेल है ये तकदीरो का

87
खेल रहे जो होली खू से, जवान जिंदाबाद रहे
हम रहे या न रहे ये, हिंदुस्तान आबाद रहे
खिले खिले हो चेहरे, मुस्कान सजे अधरों पे
है सपना ख़ुशी मिले, कोई न फ़रियाद रहे

88
ऐसा हिंदुस्तान हमारा, जहाँ न कोई गैर है
मिलके रहते आपस में, नहीं किसीसे बैर है
खामोश है कायर नहीं, हमदर्दी का दरिया है
पर मैदाने जंग में, हर एक यहाँ पर शेर है

89
याद करो वो दिन जब के, वो हँसते हँसते बोले थे
गम न करना फिर आऊँगा, तब फांसी पर झूले थे
गोली खाकर सिने पे जो, जय हिन्द ही बोले थे
मरते मरते भी झुककर, जो इस माटी को चूमे थे

90
याद उन्हें जो नहीं किया तो, फिर क्या ये आजादी है
उनकी क़ुर्बानी के दम से, आबाद ये सारी वादी है
वो ही तो मैदां में उतरे, अपनी आन बचाने को
जिये मरे वो बस वतन पे, तब आबाद आबादी है

91
बाग़ की डाली पे बैठी, एक काली कोयल बोली थी
दिन वो भी देखा हमने जब, खून से होली खेली थी
तन रंगा था लहू से लेकिन, मन में एक चिंगारी थी
धड़कन रुकने से पहले जब, जय हिन्द ही बोली थी

92
हम परवाने उस शम्मा के, जिसकी लौ निराली है
कही लगे वो रंगी पिचकारी, कही पे वो दिवाली है
आंचल जिसका है तिरंगा, ताज हिमालय का पहना
उसके लिए साँसे दीवानी, हर धड़कन मतवाली है

93
आजादी के मतवालों की, चलो क़ुरबानी याद करे
मरे नहीं जो अमर हुए, उनकी बलिदानी याद करे
वंदन करले आज उन्हें, जिन्होंने देश की आन बचाई है
सुने सुनाए सबको ही, वो महान कहानी याद करे

94
वो भारत के वीर सपूत, जो देश पे जान लुटाते थे
हर पल हर क्षण हर जगह, जो भारत माता गाते थे
याद करे न क्यों उनको, जो पहरेदार हमारे है
रक्षा का जो वचन निभाते, सीमा पे लड़ने जाते थे

95
लहू मेरा है तेरे लिए, ये जान तेरे हवाले है
सीमा के पहरेदार हम, वतन के रखवाले है
भारत मेरा स्वर्ग से सुन्दर, भारत ही प्यारा है
रहे तिरंगा लहराता, तिन रंग ये निराले है

96
आसमान की ऊंचाइयो पे, जब तिरंगा लहराता है
हर हिन्दुस्तानी का मन, हर्ष से भर भर जाता है
लाखो में है एक तिरंगा, हर जन का विश्वास तिरंगा
अम्बर की छटा बढ़ाके, मस्त सा फहराता है

97
रंग अनोखे निराले है, शांति कान्ति वाले है
मन भाये हर्षाए, ऐसे नव शान वाले है
तिरंगे का सम्मान ही, सब बढ़ाने वाले है
चरणों में सागर है, और सर पे हिमाले है

98
आज हवाए सुना रही है, बात हिंदुस्तान की
लहराता आजाद तिरंगा, बात है ये शान की
हम वतन के काम आए, बात है अभिमान की
रहे ध्वज ये ऊंचा तो, बात है ये सम्मान की

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दिल में लगी चिंगारी को, बर्फीली हवाए आई है
आज साँसों की सरगम ने, राहत की धून सुनाई है
गैर नहीं सब एक है, एकता की राह दिखाई है
पहली दफा कोई शेर आया, देश की लाज बचाई है

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माँ भारती के चेहरे पे, आज मुस्कान देखी है
370 जब हटी तो, नई कांति और शान देखी है
बड़े बुजुर्ग बच्चो को, यही बतियाते देखा है
देश आजाद हो चूका था, पर आजादी आज देखी है

writer Hitesh Choudhary

Hi, I'm Hitesh Choudhary (Lyricist), founder of NVH FILMS. A blog that provides authentic information, tips & education regarding manch sanchalan, anchoring, speech & public speaking.

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