How To Start Anchoring Program in Hindi | एंकरिंग कार्यक्रम की शुरुआत हिंदी में कैसे करे

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Last updated on July 15th, 2024 at 09:14 pm

manch sanchalan anchoring

दोस्तों वैसे तो मंच संचालन करते वक्त कोई ऐसा नियम नहीं है की आप कब क्या करे, लेकिन अगर आप हमारे बताए अनुसार एंकरिंग करते है, तो ये जरुर हो सकता है की आपका प्रभाव ज्यादा होगा, और लोग भी आपको याद रखेंगे, साथ ही आपको भी किसी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा.

लगभग हमने देखा है की जो मंच संचालक होता है वो स्टेज पे तभी आता है जब कोई विशिष्ट अतिथि या उस प्रोग्राम को आयोजित करने वाले आते है, लेकिन अगर आप उस समय वहां पहुच जाए जब सभी तैयारिया की जा रही होती है तो, ये आपके लिए ज्यादा फायदेमंद होगा, क्योकि कौन सी चीज कहा पर है, और कैसे वहा आयोजन होने वाला है, ये ज्यादा जानकारी आप जुटा सकते है.

और जैसे ही पब्लिक आनी शुरू होती है, उसी समय से आप स्टेज पे बोलने चाहिए, और लोगो को अगर आप पहले से दिखेंगे तो वो आपको जान पाएंगे, और आप भी श्रोताओ को समझ सकेंगे, और हलकी सी अगर कोई हिचकिचाहट आपके मन में हो, या कोई डर हो तो वो भी निकल जाएगा, लेकिन अचानक आप मंच पे जाते है, और इतनी सारी ऑडियंस को देखते है तो आप घबरा सकते है, और कुछ गलतिय कर सकते है.

अगर आप पहले से स्टेज पे है तो कौन आ रहा है, क्या हो रहा है, ये सब भी आपकी नजरो के सामने होगा, और आप में एक आत्मविश्वाश पैदा होगा, जो आपको मंच संचालन करने में मजबूती प्रदान करेगा.

आप जब शुरू से ही मंच पे होते है और मेहमान आते है तो आप उनके बारे में बोल सकते है, उनका स्वागत कर सकते है, और आप एक बेहतरीन प्रदर्शन कर सकते है, क्योकि आप को कुछ सोचना नहीं पड़ेगा, बल्कि जो आपके समक्ष हो रहा है, वो ही आपको बोलना है, सिर्फ आपको शब्दों के माध्यम से उसे लोगो को बताना है.

जब तक कार्यक्रम शुरू नहीं होता तब तक लोग भी कम ही होते है तो, आप उन्हें कोई चुटकुले सुना सकते है, कोई कहानी कह सकते है, या कोई ऐसा प्रसंग सुना सकते है,जो आपके साथ घटित हो चूका है, इससे क्या होगा की, लोग आपकी बात सुनने लगेंगे, और आपमें इंटरेस्ट पैदा होगा.

आप शुरू से ही कुछ शायरी सुना सकते है जिससे लोगो का मन लगा रहे, और वो आप को अपने जैसा ही समझने लगे, ऐसा न हो की कार्यक्रम हिंदी में है, और आप वहां पर इंग्लिश में बोलने लग जाओ, अगर ऐसा करते है तो वो आपमें रूचि नहीं लेंगे, जब आप उनकी अपनी भाषा में बात करोगे तभी वो आपको अपना मानेंगे, और अपनापन पैदा होगा, ये बात वैसे तो बहुत छोटी है, मगर इफ़ेक्ट बहुत करती है, इसलिए हमेशा आप भाषा का ख़याल रखे, और उनकी अपनी भाषा में बात करने का प्रयास करे.

अब हम आपके लिए कुछ शायरिया आपके सामने रख रहे है जो आप मंच पे अपनी सुविधा के अनुसार बोल सकते है, शायरिया हम क्रम अनुसार रखते जाएंगे जैसे की शुरू में हलकी फुलकी शायरी, फिर सरस्वती वंदना, कार्यक्रम शुरू करने के लिए, अतिथि के स्वागत के लिए वगैरह.

हलकी फुलकी शायरी

 

देखो तारो का हुजूम आज आसमान में उभर आया है

आपसे हमें मिलाने को आज कैसा ये पल सजाया है

कहाँ हमारी तकदीर में था आप सबसे मिलना मिलाना

ये हुनर तो हमें आज वक्त की मेहरबानी ने दिखाया है

 

कहते है की लोगो के दिलो में कुछ राज होते है

और दिलवालों के दिलो में कुछ जज्बात होते है

हमें तो बस आप से करनी थी मुलाक़ात आज

तो मिल गए हम आपसे, हमारे अनोखे अंदाज होते है

 

बेशक आप हमें अपना मानो या न मानो

पर आप हमारे हो ये तो हम जानते है

बात जो भी है दिल में जुबां से भले न कहो

हम आपकी आँखों को पढना भी जानते है

 

रहते हो हमारे घर में हम किराया तो नहीं लेते है

मांगते हो जो भी हमसे, लाकर हम वो देते है

देरी भले हो मगर हम, भूल कभी सकते नहीं

ये दिल हमारा घर है, तुम बिसरा तो नहीं देते हो

 

खामोश न रहो आओ हमसे कुछ बात करो

नाराज क्यों हो आप, न ऐसे हालात करो

रूठे हो तो आओं हम आपको मनाएंगे

शुरू चलो कुछ नए सफ़र का आगाज करो

 


अतिथि शायरी| स्वागत शायरी

 

आसमान के तारो में एक चमक सी आ गई

रौनक उनको देख के आँखों में समां गई

टिमटिमा रहे थे जो दिए अब तलक

आने के अहसास से जान उनमे आ गई

 

खुशबु का जैसे कोई झोंका आ गया है

खुशियों का देखो एक और मौका आ गया है

आप आए तो जैसे तारो में चाँद आ गया

हीरो में कोई जैसे कोहिनूर आ गया है

 

आपके आने से महफ़िल में जान आ गई

खूबसूरती भी आज आपसे शरमा गई

आओ आपका ही था इन्तजार हमको

हमारे दिल की धडकन भी ये फरमा गई

 

खिले हुए गुलशन में जैसे बहारे आती है

हर किसी के मन को वो मोह लेती है

आपके आने से हमारा जोश बढ़ गया है

जैसे प्यासे को पानी की आस होती है

कार्यक्रम की शुरुआत

 

चलो हम अब ये आगाज करते है

ख़ुशी के पलो की हम बात करते है

बहुत हो चूका अब इंतज़ार यारो

चलो कार्यक्रम की शुरुआत करते है

 

कोई बहाना न कोई अब देरी होगी

होगा उजाला अब न रात अँधेरी होगी

खुल जाएंगे अब मनोरंजन के पिटारे

हर घडी अब आपके हंसने की बारी होगी

 

मौका है दस्तूर है, तो आज निभाएँगे भी हम

मायूस चेहरों पे हंसी को लाएंगे भी हम

बैठे हो तो आओ हमारा साथ दो यारो

इस जश्न को शानदार बनाएंगे भी हम

 

सरस्वती वंदना शायरी

 

माँ शारदे को नमन कर के आगाज करते है

चलो आज के इस सफ़र की हम शुरुआत करते है

माँ विणा वादिनी का आज साथ रहेगा

मिलके सब हम चरणों में वंदन करते है

 

दीप जला कर हम आज तम को मिटाएंगे

माता सरस्वती के चरणों में झुक जाएगे

वर दो हमें हे माता मेरी सरस्वती

अज्ञानी है हम, कैसे हम सब कर पाएंगे

 

ताली शायरी

 

यूं गुमसुम बैठ के क्या होगा, आओ शोर करते है

मजा आए कुछ ऐसा हम, आज पुरजोर करते है

हमें नहीं लगती अच्छी आपकी ये ख़ामोशी

ताली बजाओ तो हम भी, पेश कोई नया दौर करते है

 

ताली जब तक नहीं बजेगी, हमें मजा नहीं आएगा

और हमें मजा नहीं आएगा, तो आप तक कैसे पहुच पाएगा

घनघोर तालियों की आप, अब यूं बौछार कर दो

आपकी तालियों का जवाब, आप तक पहुच जाएगा

 

जिनके हाथ है वो ताली बजाएंगे, बाकि नजरे झुकाएंगे

जो ताली नहीं बजाएंगे तो हम, सब खुद ही समझ जाएंगे

क्या लाचारी है क्या मज़बूरी है, क्या कोई तुमपे उधारी है

बजाओ दिल खोल के ताली, हाथो के रेख बदल जाएंगे

 

छोड़ दो अब सारे टेंशन, घर के झमेलो को भुला दो

उठा के अपने दोनों हाथ, आपस में मिला दो

हम आप के लिए ही आए है, आपको खुश कर देंगे

ताली बजा के आप हम में , जोश जगा दो

 

हम तो मोबाइल है, आप हमारा चार्जिंग है

ताली बजदो आपको आखरी ये वार्निंग है

हम चार्ज नहीं हुए तो, आप बोर हो जाओगे

हम चार्ज होंगे ताली से, ये सारी पलानिंग है

 

फनी शायरी

 

बीवी से झगड़ के आए हो, या बाहर वाली से बात बनी नहीं

क्यों उखडे उखड़े से बैठे हो, साली से क्या दाल गली नहीं

मांगता है कोई तो कुछ, कभी मिलता नहीं है किसीको यहाँ

क्या ये बात तुम्हारी समझ में, अब जा के आई है

 

मौसम कोई भी हो, हम तो मजा लेते है

भरी दुपहरी में भी, सर्दी का मजा लेते है

किसी से क्या लेना देना हमको तो यारो

हम तो वो है जो पानी में आग लगा देते है

 
 

इसी तरह की शायरी आप बोल सकते है, और लोगो का मनोरंजन कर सकते है, आपको ऐसी ही ढेरो शायरी और भाषण की स्क्रिप्ट हम मुहैया कराते रहते है, चाहे कोई भी प्रोग्राम हो, या कोई भी कार्यक्रम हो, चाहे स्कूल में हो, गाँव की पंचायत में हो, या कोई जागरण हो, शादी हो, बच्चे का जन्मदिन हो या नामकरण हो, हर तरह की स्क्रिप्ट हमारे पास है, जो आपको हमारी वेबसाइट पे मिलेगी, साथ ही आप हमारे youtube channel से भी जुड़ सकते है, और नए नए भाषण और शायरी व मंच संचालन से जुड़े टिप्स एंड ट्रिक्स जान व सिख सकते है.

ऐसी शायरी जो आपको कहीं भी काम आए

मोटिवेशनल शायरी

 

हारना मत कभी तुझे, जहां को कुछ करके दिखाना है

क्या चीज है तू लोगो को, तुझे बनके दिखाना है

हारेगा तो जहा है, वाही बैठा तू रहेगा

पत्थर नहीं तुझे, राही बनके आगे बढ़ जाना है

 

हौसला क्या है जज्बा क्या है, हमने दिखाया कहा है

हममें क्या क्या है हुनर बाकी, जमाने को बताया कहा है

हम वो आब रखते है की, सितारों को भी जगमगा दे

अभी रुख से हमने अपना, नकाब हटाया कहा है

 

पत्थर को तराश के हिरा, जोहरी बनाता है

खाता है ठोकर तो इंसा, चलना सिख जाता है

मखमल से कभी नहीं बनते है ताजमहल

नीव में तो पत्थरों को ही दबाया जाता है

 

बात करता है जो हमसे बड़ी बड़ी, उसकी औकात क्या है

हमने कभी नहीं पूछा उससे की तेरी, जात क्या है

फिर क्या गरूर है और, किस बात का तुझे घमंड है

अरे दियो से सूरज की बराबरी, कोई बात क्या है

 

खेला जो भी खेल उसमे हम, अपनो से ही हारे है

वर्ना हम भी कम नहीं है, कई शेरो को हमने मारे है

थाम लेता है कोई दामन, तो हम कभी चुडाते नहीं है

ये मत समझो के कायर है, तुम जैसे कितने पानी में उतारे है

 

मौके का हम कभी फायदा उठाते नहीं

गिरे हुए को कभी हम ठोकर लगाते नहीं

संस्कार है ये हमारे, माँ बाप की आशीष है

लाख बुरा चाहे ज़माना, हम ठोकर खाते नहीं

माँ बाप की शायरी

 

प्रणाम उन्हें करते है, जिन्होंने जहाँ में लाया है

नमन चरणों में उनके, जिन्होंने जग दिखलाया है

वो ही मेरे इश है और, वो ही मेरे भगवान है

आज्ञा उनकी शीश धरु, जिन्होंने इंसान बनाया है

भजन संध्या शायरी

 

आओ इस दरबार से कोई, खाली नहीं लौटा है

राजा रंक सभी बराबर, न बड़ा न कोई छोटा है

आज माथा टेक के तू, इनका नाम ले लेना

किस्मत संवर जाएगी, इसमें न कोई धोखा है

 

ताली बजा ले जोर से, बोल के बम बम भोले

पहुचे आवाज वहां तक, किस्मत तेरी वो खोले

न कोई कमी रहती है, दर पे जो भी आता है

पूरी होती हर आशा, फैला दे झोली और झोले

 

मांग रहा है तो मांग बड़ा, छोटा तो दुनिया भी दे देगी

नाथ त्रिलोकी का ये दर है, झोली तेरी सब भर देगी

दर्द गम को कर दे अर्पण, आज यही इसी दर पे तू

छू ले चरण जयकार लगाके, पल में भाग्य पलट देगी

 
 

समापन शायरी

 

चलो अब वक्त वो आ गया, जब हम जुदा हो जाएंगे

पर बात हमारी याद रखना, यादो में नजर आएँगे

शहर में तुम्हारे न जाने अब, आना हमारा कब होगा

आज की रात के ये पल संजो लेना, सपनो में बिखर जाएगे

 

वक्त के मेले में पलो की ये, घडियां बीत गई है

बाँधी थी जो हमने वो सारी, कड़ियाँ टूट गई है

हंसी की महफ़िल में आज, जश्न का जोश था

चलो हम विदा लेते है, जो बीती वो बढ़िया बीत गई है

 

हम रात के मुसाफिर है, सुबह को उड जाते है

पर पलो की कड़ीयो में, हम कुछ देर ठहर जाते है

वादे न कोई इकरार करेगे, फिर मिले या न मिले

वक्त बहुत हो चूका चलो, अब हम निकल जाते है

 

दोस्तों आपको आज की ये ये शायरी और हमारी कही बात आपको कैसी लगी, अगर इसमें से कोई बात आपके काम की हो तो, कमेंट करके जरुर बताना, और अगली पोस्ट हम किस टॉपिक पे लिखे ये जरुर बताए, ताकि हम आपके लिए और भी शानदार तयारी कर सके.

Hi, I'm Hitesh Choudhary (Lyricist), founder of NVH FILMS. A blog that provides authentic information, tips & education regarding manch sanchalan, anchoring, speech & public speaking.

8 thoughts on “How To Start Anchoring Program in Hindi | एंकरिंग कार्यक्रम की शुरुआत हिंदी में कैसे करे”

  1. मैं, Nvh films को तहे दिल से धन्यवाद!! करता हूँ
    की आपके बेवसाइट के माध्यम से हमे एक अच्छे मंच संचालक, बनने का, ज्ञान मिला, मैं आपका सदैव सुक्रगुजार रहुगा!!

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  2. हमारा मन और हमारा मानना है की समाज सेवा करने के लिए एंकर बनना बहुत जरूरी है और कैसे क्या करूं कि मैं भी एक एंकर के तौर पर चुना जाऊं क्या आप मेरी मदद कर सकते हैं

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  3. आप हमे भजन संध्या के बारे में थोड़ा ज्यादा लिखे बताये भावात्मक शायरी कुछ उसमे सलग्न करे

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  4. जी, इसपे और भी विस्तार से बताने का प्रयास करेंगे, और भी जानकारी के लिए हमारे youtube चैनल भी देख सकते है, vhshayari

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  5. जरुर, हम आपके लिए ही सब लिखते है आप हमसे जुड़े रहे, और प्रयास करते रहे, कामयाबी मिलेगी

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