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Ganesh Chaturthi | गणपती जन्म कथा | Ganpati Shayari Wishes

Last updated on July 13th, 2024 at 01:33 am

 Ganesh Chaturthi गणेश चतुर्थी कब है

जय श्री गणेशाय नमः, गणेश चतुर्थी भारत का एक प्रमुख त्यौहार है, ये हिन्दू
धर्म में भगवान श्री गणेश जी का जन्मदिन माना जाता है, इस त्यौहार को वैसे तो
पुरे भारतवर्ष में मनाया जाता है, लेकिन महाराष्ट्र में इसे और भी बड़े धूम
धाम के साथ मनाया जाता है.


गणेश चतुर्थी के दौरान भगवान गणेश जी की पूजा अर्चना की जाती है, आरती की
जाती है और नैवेध अर्पण किया जाता है, माना जाता है की गणेश जी संकट हर्ता
है, और हर शुभ कार्य से पहले गणपति की पूजा करने से कार्य में बाधा नहीं आती
है.


भगवान गणेश जी की मूर्ति पंडाल बनाकर स्थापित की जाती है, और नौ दिनों तक
खूब धूम धाम से भजन कीर्तन एवं झांकी तैयार की जाती है, साथ ही दसवे दिन यानी
की अनंत्चातुर्दशी को प्रतिमा का विसर्जन किया जाता है.


गणेश चतुर्थी कब है
2022

हर साल गणेश चतुर्थी भाद्रपद की शुक्ल पक्ष चतुर्थी को होती है, इस साल 2022
में गणेश चतुर्थी 31 अगस्त को है, गणेश स्थापना एवं पूजन विधि का समय पंचांग
के अनुसार किसी, पंडित को पूछकर ही करना चाहिए.


गणेश चतुर्थी क्यों मनाया जाता है

गणेश चतुर्थी मनाने के पीछे अलग अलग कहानियां मिलती है, कुछ का कहना है की
इस दिन भगवान गणपती जी का जन्म हुआ था तो, कुछ का कहना है की जब वेद व्यास जी
ने महाभारत लिखने के लिए, श्री गणेश जी का आह्वान किया तो, गणेश जी ने
महाभारत को लिपिबद्ध किया था.


ये कथा लिखने में दस दिनों का समय लग गया था, और इस बिच बिना रुके गणेश जी
लिखते चले गए थे, दस दिनों तक एक ही जगह बैठकर लिखने से, गणेश जी पर धुल
मिटटी की परत जैम गई थी, जो दस दिन के बाद अनंत चतुर्दशी के दिन श्री गणेश जी
ने सरस्वती नदी में जा कर स्नान किया, और खुद को स्वच्छ किया था, तब से ही हर
साल 10 दिन इस त्यौहार को मनाया जाता है.


गणेश चतुर्थी की कथा

शिव पुराण में वर्णित कथा के अनुसार भगवान गणेश जी की कथा कुछ इस प्रकार से
है की, माता पार्वती और एक दिन स्नान करने के लिए जा रही थी, तब उन्होंने
द्वार पे खड़े रहने के लिए किसी को ढूंढा, ताकि वो निर्विघ्न स्नान कर सके,
लेकिन किसी को न पाकर माता जी ने एक फैसला लिया.


माता पारवती ने अपने मेल से एक बालक को उत्पन्न किया और उनका नाम गणेश रखा,
साथ ही कहा की बेटा मैं स्नान करने के लिए जा रही हूँ, तो जब तक मैं वापस न आ
जाऊं तुम यहाँ खड़े रहकर पहरा दो, और किसी को अन्दर मत आने देना.


गणेश जी ने माता की बात मान ली, और द्वार पर खड़े हो गए, तभी कुछ देर के बाद
भगवान शंकर जी वहा आ गए, और अन्दर जाने लगे तब, गणेश जी ने उन्हें रोकते हुए
कहा की आप अन्दर नहीं जा सकते क्योकि मेरी माता अन्दर स्नान करने गई है, तब
शिव जी नहीं माने तब गणेश जी से उनका युद्ध हो गया.


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भयंकर युद्ध के बाद शंकर जी ने त्रिशूल से गणपति का सर धड से अलग कर दिया,
और भीतर चले गए, जब माता पारवती ने देखा की शिवजी भीतर आए है तो उन्होंने
पूछा की, क्या आपको द्वार पे किसी ने रोका नहीं.


शिवजी ने कहा की एक हठी बालक मुझे रोकने की कोशिश कर रहा था, लेकिन मैंने
उसका सर काट दिया, तब पारवती माता रोने लगी और कहा की वो तो हमारा पुत्र था,
आपने उसको मार दिया, और सारी कहानी सुनाई की कैसे गणेश जी को माता ने उत्पन्न
किया था मेल के द्वारा.


तब शिवजी को घोर दुःख हुआ और वो जंगल में निकल गए, काफी देर के बाद शिवजी एक
हाथी के बच्चे का सर ले आए और गणेश जी के धड के साथ जोड़ दिया, और उन्हें
जीवित किया, गणेश जी को जीवित देखकर, पारवती माता के हर्ष का ठिकाना नहीं
रहा.


उस दिन आकाश से सभी देवताओं ने भी पुष्प वर्षा की और गणेश जी को अनेको वर
प्रदान किए, साथ ही ये वर भी दिया की आप प्रथम पूज्य देव कहलाएंगे, आपकी पूजा
सबसे पहले होगी.


गणेश चतुर्थी पर शायरी


गौरी सूत गणपति आए, संग में रिद्धि सिद्धि लाए

मांग लो जो भी तुम चाहो, धन धान और बुद्धि लाए

अज्ञानी को ज्ञान देंगे, निर्धन को धनवान करे

कुमति को दे सद्बुद्धि, मन सबके ही हर्षाए

 

लम्बोदर है गजानना, शंकर लाला कहलाए

मूषक वाहन है प्रिय, मोदक का हम भोग लगाए

प्रथम पूज्य है मंगलकारी, तिन लोक के स्वामी है

रूठी बिगड़ी किस्मत हो तो, पल में ही ये बनाए

 

काल है ये अति भारी, रक्षा करना देवा हमारी

पूजा भक्ति कर पाए, रखना नजर रहम तुम्हारी

भाव बुरा न मन में आए, ऐसी कृपा कर देना

सुनते हो सबकी गणराजा, अबके सुनना अर्ज हमारी

 

आए है गणपति तो, कष्ट मिटने वाले है

खुशियों की सौगाते, घर घर बंटने वाली है

गजानना हे गणराजा, घर मेरे भी आना

पूजा की थाली हमारे, घर भी सजने वाली है

 

मोदक मिष्ठान दूर्वा लेकर, करे स्वागत आपका

तिन लोक के है जो नायक, उन गणपति महाराज का

विघ्न हरेंगे संकटहारी, देखू मूरत जाऊ बलिहारी

गौरी नंदन शंकर सूत, रखेंगे ख़याल दास का

 

मूषक वाहन पर चढ़कर, आ रहे है गणनायक

चिंता सारी छोड़ दो अब, विघन हरेंगे शुभ दायक

सिर नवा कर हाथ जोड़ो, गणेशा से नाता जोड़ो

चरणों में देंगे जगह, समझेंगे गर हमको लायक

 

गणेश चतुर्थी की शुभकामनाए स्पेशल शायरी

 

जय गणेश हे गौरी सूत, सबके संकट हर लेना

विपदा जो भी आन पड़ी, हमको पार लगा देना

तू ही सहारा तू हमारा, बस तुझसे ही आस है

अटक गए है जो भी प्रभु, काम सारे बना देना

 

आए हो तो हे देवा, किस्मत मेरी बदल देना

लिखना ऐसा लेख के, भाग्य मेरा चमका देना

कही कोई न हानि हो, दर्द भरी न कहानी हो

रूठी तकदीर हमसे है, उसको आप मना लेना

 

चरणों में मस्तक धर के, पहला वंदन करता हूँ

शाष्टांग दंडवत करके, नमन पहला करता हूँ

स्वीकारो ये प्रेम मेरा, आपका ही तो बालक हूँ

थोडा जिद्दी हूँ लेकिन, स्मरण नित ही करता हूँ

 

गणेश चतुर्थी विडियो

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना
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About Hitesh Choudhary

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