Last updated on July 18th, 2024 at 01:39 am
देशभक्ति की ये शायरियां आपके मंच पे स्टेज पे आग लगा देगी, मेरा वादा है की अगर आपने सारी शायरियां सुन ली तो, फिर आपको कोई और वीडियो ढूंढने जरुरत नहीं पड़ेगी, बिलकुल नई शायरी पेश है की,
सर पे बाँधे कफ़न चले जो
कर तमन्ना दफ़न चले जो
राह रोके क्या तूफान आके
अपनी धून में मगन चले जो
Sar pe baandhe kafan chale jo
Kar tamanna dafan chale jo
Raah roke kya tufaan aake
Apni dhoon mein magan chale jo
और हर दीवाना कहता है माँ भारती से की ,
देशप्रेम की ज्वाला दिलो में जिन्दा है
तो फिर किस बात का गम है
आंच न आने देंगे तेरे आँचल पर माँ
सर कटाने को जब हम है
Deshprem ki jwala dilon me jinda hai
To phir kis baat ka gam hai
Aanch na aane denge tere aanchal par maa
Sar kataane ko jab hum hai
ऐसी भावपूर्ण शायरियां अगर आप बोले तो मैं दावे के साथ कह सकता हूँ की, सबसे शानदार भाषण आप का ही होगा.
मिटा दो मुझे कोई गम न होगा
तुझसे मेरा प्यार कम न होगा
चूम न लूँ जब तलक तिरंगे को
तब तक फ़ना ये दम न होगा
Mita do mujhe koi gham na hoga
Tujhse mera pyar kam na hoga
Choom na loon jab talak tirange ko
Tab tak fana ye dam na hoga
ये होती है आग जो सीने में जला करती है
ऐसी देशभक्ति कहाँ मिला करती है
होता है बसर जिनका बारूदों पर
वो रूहें कब मौत से डरा करती है
Ye hoti hai aag jo seene me jala karti hai
Aisi deshbhakti kaha mila karti hai
Hota hai basar jinka baarudon par
Wo ruhen kab maut se dara karti hai
तूफान उठा देगी तालियों की गड़गड़ाहट से, पुरे मंच पर छा जाएंगे आप, जब दिल को झकझोर देने वाली ये शायरियां प्रस्तुत करेंगे,
तालियां मत बजाओ, मुझे ये शोर पसंद नहीं है
आज के जो हालात है, मुझे ये दौर पसंद नहीं है
एक दिन बस याद करें, और फिर भुला दे उनको
हर सुबह उन्हें वंदन न हो, मुझे वो भोर पसंद नहीं है
Taaliyan mat bajao, mujhe ye shor pasand nahi hain
Aaj ke jo haalat hai, mujhe ye daur pasand nahi hain
Ek din bas yaad karen, aur phir bhula de unko
Har subah unhe vandan na ho, mujhe wo bhor pasand nahi hain
क्योकि वो ही थे जिन्होंने हमें आज दिया है
भारत के माथे पे चमकता ताज दिया है
लहरा के तिरंगा गाते है हम वंदे मातरम
आजादी पे इतराने का हमें नाज दिया है
kyoki wo hi the jinhone hume aaj diya hain
bharat ke mathe pe chamakta taaj diya hain
lahra ke tiranga gaate hai hum vande mataram
aazadi pe itraane ka hume naaz diya hain
सीमाओं पर जो बैठे है, अपने है वो गैर नहीं है
देखा हमने सारा जहाँ, उन जैसा कोई शेर नहीं है
भारत माँ की जय और ये जोशीले शेर आप उछाल दो पब्लिक पे, बिलकुल फूलो के हार लेकर आपके गले में डालेंगे, और तालियों की तो टेंशन ही नहीं है क्योकि जहाँ पर, हितेश चौधरी की शायरी हो वहां तो वाह वाह होनी ही है.
एक और दमदार शायरी रखता हूँ आपके सामने सम्भालिए…
जब तक लहू का रंग लाल रहेगा
और संग में मेरे महाकाल रहेगा
न झुकेगा तिरंगा कभी भारत का
हर बच्चे में जब बोस और पाल रहेगा
jab tak lahu ka rang laal rahega
aur sang me mere mahakaal rahega
na jhukega tiranga kabhi bharat ka
har bahche me jab bose aur paal rahega
ये वो धरती है जहाँ, फसले नहीं अमन उगता है
बैठ के चिड़ियाँ संग, जहाँ दाने बाज चुगता है
ऐसी भारत भूमि पे पैदा होना ही गर्व की बात होती है, और हम तो हमारा पूरा जीवन इस धरती की गोद में बिताते है, हमें तो फक्र होना चाहिए, नाज होना चाहिए.
भगत सिंह की ललकार जहाँ है
राणा शिवा की तलवार जहाँ है
बोस की गर्जन दहाड़ जहाँ है
हिमालय जैसा पहाड़ जहाँ है
bhagat singh ki lalkaar jahan hain
raana shiva ki talvaar jahan hain
bose ki garjan dahaad jahan hain
himalay jaisa pahaad jahan hain
कौन सकेगा रोक हमें, हम फांद के दरिया कुच करेंगे
शांति अमन से है प्यार मगर, भारत के लिए सबकुछ करेंगे
ये गर्जना आपके मुँह से स्टेज पे हो जाए तो फिर आपने समझो,जंग जीत ली है, मैं हमेशा नई नई शायरी और देश भक्ति से ओतप्रोत भाषण लाता हूँ, आज रात भर जाग के आपके लिए की
है भूमि ये भारत की, आओ इसको नमन करें
खिल उठे ये बगियाँ, आओ इसको चमन करें
भाईचारा हो एकता, मिलके ऐसा जतन करें
शांति अमन की क्यारी, जिसपे नाज गगन करें
hai bhumi ye bharat ki, aao isko naman kare
khil uthe ye bagiyaan, aao isko chaman kare
bhaichara ho ekta, mil ke aisa jatan kare
shanti aman ki kyaari, jispe naaj gagan kare
देशप्रेम की जोश भर देने वाली ये शायरी स्टेज पे बोलोगे तो धूम मचा देगी की,
ठंडा खून नहीं सीने में
बिन तेरे क्या है जीने में
छलक उठे आँखों से मस्ती
तो मजा है फिर पीने में
thanda khoon nahi seene mein
bin tere kya hai jeene mein
chhalak uthe aankhon se masti
to maza hai phir peene mein
प्याला आज पीला दे मुझको
जिसमे देशप्रेम की झांकी हो
रहे तिरंगा फर फर लहराता
फिर कोई अरमान न बाकी हो
pyala aaj peela de mujhko
jisme deshprem ki jhanki ho
rahe tiranga far far lahraata
phir koi armaan na baaki ho
और अंत में एक शायरी के साथ समापन करूँगा, लेकिन वीडियो को लाइक और चैनल को सब्सक्राइब कर लेना, कमेंट में जय हिन्द भी लिख देना यारो, की
मैं चला हूँ सफर को, मेरे पीछे मत रोना
मिली है आजादी तो, इसको मत खोना
मौसम बदलेंगे और, नए मंजर भी आएँगे
भूल के अपनी जमीं, किसी और मत होना
main chala hoon safar ko, mere pichhe mat rona
mili hai aazadi to, isko mat khona
mausam badlenge aur, naye manzar bhi aayenge
bhul ke apni zameen, kisi aur ke mat hona
जय हिन्द, वंदे मातरम, भारत माता की जय.