देशभक्ति की बिलकुल नई शायरी | Desh Bhakti New Shayari For 26 January & 15 August

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Last updated on July 18th, 2024 at 01:39 am

देशभक्ति की ये शायरियां आपके मंच पे स्टेज पे आग लगा देगी, मेरा वादा है की अगर आपने सारी शायरियां सुन ली तो, फिर आपको कोई और वीडियो ढूंढने जरुरत नहीं पड़ेगी, बिलकुल नई शायरी पेश है की,

सर पे बाँधे कफ़न चले जो 

कर तमन्ना दफ़न चले जो 

राह रोके क्या तूफान आके 

अपनी धून में मगन चले जो 

 

Sar pe baandhe kafan chale jo

Kar tamanna dafan chale jo

Raah roke kya tufaan aake

Apni dhoon mein magan chale jo

desh bhakti shayari

और हर दीवाना कहता है माँ भारती से की , 

देशप्रेम की ज्वाला दिलो में जिन्दा है 

तो फिर किस बात का गम है 

आंच न आने देंगे तेरे आँचल पर माँ 

सर कटाने को जब हम है 

 

Deshprem ki jwala dilon me jinda hai

To phir kis baat ka gam hai

Aanch na aane denge tere aanchal par maa

Sar kataane ko jab hum hai

ऐसी भावपूर्ण शायरियां अगर आप बोले तो मैं दावे के साथ कह सकता हूँ की, सबसे शानदार भाषण आप का ही होगा. 

मिटा दो मुझे कोई गम न होगा 

तुझसे मेरा प्यार कम न होगा 

चूम न लूँ जब तलक तिरंगे को 

तब तक फ़ना ये दम न होगा 

 

Mita do mujhe koi gham na hoga

Tujhse mera pyar kam na hoga

Choom na loon jab talak tirange ko

Tab tak fana ye dam na hoga

ये होती है आग जो सीने में जला करती है 

ऐसी देशभक्ति कहाँ मिला करती है 

होता है बसर जिनका बारूदों पर 

वो रूहें कब मौत से डरा करती है 

 

Ye hoti hai aag jo seene me jala karti hai

Aisi deshbhakti kaha mila karti hai

Hota hai basar jinka baarudon par

Wo ruhen kab maut se dara karti hai

तूफान उठा देगी तालियों की गड़गड़ाहट से, पुरे मंच पर छा जाएंगे आप, जब दिल को झकझोर देने वाली ये शायरियां प्रस्तुत करेंगे,

तालियां मत बजाओ, मुझे ये शोर पसंद नहीं है 

आज के जो हालात है, मुझे ये दौर पसंद नहीं है 

एक दिन बस याद करें, और फिर भुला दे उनको 

हर सुबह उन्हें वंदन न हो, मुझे वो भोर पसंद नहीं है 

 

Taaliyan mat bajao, mujhe ye shor pasand nahi hain

Aaj ke jo haalat hai, mujhe ye daur pasand nahi hain

Ek din bas yaad karen, aur phir bhula de unko

Har subah unhe vandan na ho, mujhe wo bhor pasand nahi hain

क्योकि वो ही थे जिन्होंने हमें आज दिया है 

भारत के माथे पे चमकता ताज दिया है 

लहरा के तिरंगा गाते है हम वंदे मातरम 

आजादी पे इतराने का हमें नाज दिया है 

 

kyoki wo hi the jinhone hume aaj diya hain

bharat ke mathe pe chamakta taaj diya hain

lahra ke tiranga gaate hai hum vande mataram

aazadi pe itraane ka hume naaz diya hain

सीमाओं पर जो बैठे है, अपने है वो गैर नहीं है 

देखा हमने सारा जहाँ, उन जैसा कोई शेर नहीं है 

भारत माँ की जय और ये जोशीले शेर आप उछाल दो पब्लिक पे, बिलकुल फूलो के हार लेकर आपके गले में डालेंगे, और तालियों की तो टेंशन ही नहीं है क्योकि जहाँ पर, हितेश चौधरी की शायरी हो वहां तो वाह वाह होनी ही है. 

एक और दमदार शायरी रखता हूँ आपके सामने सम्भालिए… 

जब तक लहू का रंग लाल रहेगा 

और संग में मेरे महाकाल रहेगा 

न झुकेगा तिरंगा कभी भारत का 

हर बच्चे में जब बोस और पाल रहेगा 

 

jab tak lahu ka rang laal rahega

aur sang me mere mahakaal rahega

na jhukega tiranga kabhi bharat ka

har bahche me jab bose aur paal rahega

ये वो धरती है जहाँ, फसले नहीं अमन उगता है 

बैठ के चिड़ियाँ संग, जहाँ दाने बाज चुगता है 

ऐसी भारत  भूमि पे पैदा होना ही गर्व की बात होती है, और हम तो हमारा पूरा जीवन इस धरती की गोद में बिताते है, हमें तो फक्र होना चाहिए, नाज होना चाहिए. 

भगत सिंह की ललकार जहाँ है 

राणा शिवा की तलवार जहाँ है 

बोस की गर्जन दहाड़ जहाँ है 

हिमालय जैसा पहाड़ जहाँ है 

 

bhagat singh ki lalkaar jahan hain

raana shiva ki talvaar jahan hain

bose ki garjan dahaad jahan hain

himalay jaisa pahaad jahan hain

कौन सकेगा रोक हमें, हम फांद के दरिया कुच करेंगे 

शांति अमन से है प्यार मगर, भारत के लिए सबकुछ करेंगे 

ये गर्जना आपके मुँह से स्टेज पे हो जाए तो फिर आपने समझो,जंग जीत ली  है, मैं हमेशा  नई नई शायरी और देश भक्ति से ओतप्रोत भाषण लाता हूँ, आज रात भर जाग के आपके लिए  की 

है भूमि ये भारत की, आओ इसको नमन करें 

खिल उठे ये बगियाँ, आओ इसको चमन करें 

भाईचारा हो एकता, मिलके ऐसा जतन करें 

शांति अमन की क्यारी, जिसपे नाज गगन करें 

 

hai bhumi ye bharat ki, aao isko naman kare

khil uthe ye bagiyaan, aao isko chaman kare

bhaichara ho ekta, mil ke aisa jatan kare

shanti aman ki kyaari, jispe naaj gagan kare

देशप्रेम की जोश भर देने वाली ये शायरी स्टेज पे बोलोगे तो धूम मचा देगी की,

ठंडा खून नहीं सीने में 

बिन तेरे क्या है जीने में 

छलक उठे आँखों से मस्ती 

तो मजा है फिर पीने में 

 

thanda khoon nahi seene mein

bin tere kya hai jeene mein

chhalak uthe aankhon se masti

to maza hai phir peene mein

प्याला आज पीला दे मुझको 

जिसमे देशप्रेम की झांकी हो 

रहे तिरंगा फर फर लहराता 

फिर कोई अरमान न बाकी हो 

 

pyala aaj peela de mujhko

jisme deshprem ki jhanki ho

rahe tiranga far far lahraata

phir koi armaan na baaki ho

और अंत में एक शायरी के साथ समापन करूँगा, लेकिन वीडियो को लाइक और चैनल को सब्सक्राइब कर लेना, कमेंट में जय हिन्द भी लिख देना यारो, की 

मैं चला हूँ सफर को, मेरे पीछे मत रोना 

मिली है आजादी तो, इसको मत खोना 

मौसम बदलेंगे और, नए मंजर भी आएँगे 

भूल के अपनी जमीं, किसी और मत होना 

 

main chala hoon safar ko, mere pichhe mat rona

mili hai aazadi to, isko mat khona

mausam badlenge aur, naye manzar bhi aayenge

bhul ke apni zameen, kisi aur ke mat hona

जय हिन्द, वंदे मातरम, भारत माता की जय. 

Desh Bhakti Shayari Video

Hi, I'm Hitesh Choudhary (Lyricist), founder of NVH FILMS. A blog that provides authentic information, tips & education regarding manch sanchalan, anchoring, speech & public speaking.

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