Last updated on July 21st, 2024 at 02:45 pm
26 जनवरीके इस अवसर पर देशभक्ति की शायरी, ये शायरी स्कूल में मंच पे, कॉलेज में कही भी आप बोल सकते है, किसी भी मंच पे बोल सकते है, आपके बहुत काम आएगी, 26 जनवरी की शायरी बोलने से पहले,
भारत माता को याद करते है, वन्दे मातरम जय हिन्द जय भारत गणतंत्र दिवस गणतंत्र दिवस हमारे भारत देश के लिए बहुत ही ख़ास है, क्योकि इसी दिन संविधान लागू किया गया था, इससे पहले अंग्रेजो का कानून चलता था,
और इस दिन से हमारा खुद का अपना कानून बनाया गया जिसे 26 जनवरी को लागू किया गया. डॉ.बाबा साहेब आम्बेडकर ने इसे लिखा और हमारे भारत का नया कानून बना. आजादी की भी बात
बात जब देश की आती है तो आजादी की भी बात होगी और जो हमारे वीर सपूत शहीद हुए उनकी भी बात होगी, हमें आजादी दिलाने की खातिर जिन्होंने अपना जीवन दांव पर लगाया उनको कैसे भुलाया जा सकता है,
उन्ही को याद करते हुए आपके लिए मैं हितेश चौधरी लेकर आया हूँ ये शायरी, जो आप किसी भी स्कूल या मंच पे बोल सकते है, और ऐसी ही और भी शायरी के लिए हमारे youtube चैनल से जुड़ सकते है
दोस्तों कही भी बात जब आजादी की या देशभक्ति की आती है तो हम जोश से भर जाते है,
और हमारे अन्दर एक अलग ही तरह की उर्जा पैदा हो जाती है,
26 जनवरी के लिए शायरी
1
वंदन पहले मात्रभूमि को, भारत ही भाग्य विधाता है
नाम जुबाँ पर सबसे पहले, तेरा ही बस आता है
है तिरंगा ऊँचा फहराता, गर्व से सर उठ जाता है
ध्वज गीत जब कोई गाए, मन फुला नहीं समाता है
2
सुबह की लाली जैसे निखरे, रंग तेरा है गेरुआ
श्वेत रंग जैसे हिमालय, आँखों में बस जाता है
धानी चुनर जैसे ओढ़े, धरती ने श्रृंगार किया
रंग हरा भी तिरंगे का, मन को मेरे सुहाता है
3
कहीं किसानो की हरियाली, का प्रतिक बन जाता है
कहीं समझौते सौहार्द शांति, का संदेश सुनाता है
लडे जवान जो सीमा पर, तू रंग-ए-लहू बन जाता है
शान हमारी है तिरंगा, लहर लहर लहराता है
4
लहू मेरा है तेरे लिए, ये जान तेरे हवाले है
सीमा के पहरेदार हम, वतन के रखवाले है
भारत मेरा स्वर्ग से सुन्दर, भारत ही प्यारा है
रहे तिरंगा लहराता, तीन रंग ये निराले है
5
ऊँचा रहे तिरंगा हरदम, नजर हमारी झुके नहीं
भारत हो सबसे आगे, कदम कभी भी रुके नहीं
देश हमारी आन शान है, देश पे हम मिट जाएंगे
रखो बचाके दुश्मन से, नजर किसी की लगे नहीं
6
आसमान की ऊंचाइयो पे, जब तिरंगा लहराता है
हर हिन्दुस्तानी का मन, हर्ष से भर भर जाता है
लाखो में है एक तिरंगा, हर जन का विश्वास तिरंगा
अम्बर की छटा बढ़ाके, मस्त सा फहराता है
7
हम अमन चैन के यार है, दुश्मन से भी करते प्यार है
पर न समझे कायर कोई, लड़ने को भी हम तैयार है
है दया भाव करुणा हम में, हमें मानवता से प्यार है
पर चाहे कोई झुकाना हमें, तो सिरे से इनकार है
8
ये देश बहुत ही प्यारा है, धडकन सिने की हमारा है
फिर सरहद से आई आवाज, भारत माता ने पुकारा है
कोई देश द्रोह करता है तो, हम मौत के घाट उतारेंगे
हमें अपनी जाँ से बढ़के, प्यारा ये वतन हमारा है
9
जब हिमालय की छोटी पे, तिरंगा लहराता है
आजाद हिन्द की ताकत, तब ये दिखलाता है
और शहीदों का कफ़न, जब ये बन जाता है
देशप्रेम की झलक, तब ये दिखलाता है
10
यहाँ गंगा है यहाँ जमुना है, ये धरती पावन प्यारी है
यहाँ रंग रंग के फूल खिले, ये सब धर्मो की क्यारी है
शान की इसके क्या कहने, ये अद्भुत शोभा न्यारी है
यहाँ उतरे देव भी अम्बर से, मिल सबने नजर उतारी है
11
हम वीर है भारत भूमि के, रणवीरो से हम लड़ते है
है गर्जन शेरो की हम में, चीते से आगे बढ़ते है
है पहरेदार हिमालय के, रक्षक है भारत माता के
है खून रगों में ज्वाला सा, हम नहीं किसीसे डरते है
12
आँख जैसे धधके शोले, सिने में अंगार भरा
दुश्मन तेरी औकात क्या, एक पल तो तू ठहर जरा
हम वार नहीं करते पहले, हम शांतिदूत है अहिंसा के
पर हमको जो ललकारा तो, न बचे कोई हर एक मरा
13
खोए कितने हीरे हमने, तब ये आजादी पाई है
इस दिन के एवज में यारो, वीरो ने जान गंवाई है
हम खोने न देंगे इसको, जिसकी कीमत चुकाई है
हमें मुक्त कराने सबने, जान की बाजी लगाईं है
14
ये रंग है आजादी का यारो, कोई छुड़ा न पाएगा
जब तक है धरती अम्बर, नाम हमारा आएगा
है जननी ये जन्मभूमि, कौन जुदा कर पाएगा
जय हिन्द वन्दे मातरम से, सारा जहाँ हिल जाएगा
15
आजादी का दिन है सुहाना, चलो इस पर नाज करे
लहराए तिरंगा गगन में, देश प्रेम की बात करे
याद करे बलिदानों को, हुए शहीद उन जवानो को
रहे हिलमिल सभी यहाँ, चलो ऐसा आगाज करे
16
सोने की चिड़िया है भारत, आओ इसपे गर्व करे
लोग देखते रह जाए, ऐसा बड़ा ये पर्व करे
झुके नहीं हम डिगे नहीं, अटल अडिग खड़े रहे
काम आए एक दूजे के, हर मुखड़े पे हर्ष करे
लेखक:हितेश चौधरी ( गीतकार )