Bhog lagao mohan pyare | कान्हा जी को भोग लगाते समय भजन गायें | भोग लगाओ मोहन प्यारे
इस गीत में यही दर्शाया गया है की मन के भाव मधुसुदन कृष्णा जरुर समझ जाते है और उनको ये ज्ञात होता है की आप क्या सोच रखते है, ...
चौसठ जोगणी रे भवानी, मंदिर में बस जाए
गरबा खेलती रे भवानी, मंदिर में बस जाए
भक्ति तेरी करके मैया, जीवन सफल बनाया
जीवन सफल बनाया मेरा, जीवन सफल बनाया
मिटा अँधेरा, करके उजाला, बेडा पार लगाया
गरबा खेलती रे भवानी, मंदिर में बस जाए
भाषण देना और मंच संचालन करना दोनों ही अलग अलग चीजे है. स्टेज पे कौन पहले आएगा,
उसके बाद कौन आएगा, क्या क्या किस ढंग से, किस गतिविधि से होगा, इन सबको नियंत्रण
करना ही मंच संचालन कहलाता है.
No account yet?
Create an Account