ताज हिमालय का सर पे | Desh Bhakti Shayari | 26 January Shayari

Last updated on July 13th, 2024 at 01:25 am

 

ताज हिमालय का सर पे  Desh Bhakti Shayari

गणतंत्र दिवस  पे स्कूल में या मंच पे बोलने के लिए शायरी,शायरी बोलना एक कला है जिसे आप  हमारे चैनल के विडियो देख कर भी इसकी प्रक्टिस कर सकते है.



पहली बार मंच पर कैसे बोले 

शुरुआत में आपको थोड़ी झिझक हो सकती है या बोलते वक्त आप घबरा जाए लेकिन रोजाना अगर आप कोशिश करेंगे तो एक दिन आप जरुर बोलने लगेंगे, क्योकि कोई भी चीज जब बार बार की जाती है तो आप उस चीज में माहिर हो जाते है और आप सबसे अच्छा पर्फोर्मांस दे सकते है.


वैसे आपको मंच पे जाते हुए हमेशा ये याद रखना चाहिए की जो लोग सामने बैठे है वो भी आप ही की तरह नार्मल लोग है, बस वो सुनने आए है और आप सुनाने आए है, बस इतना सा ही फर्क है आप में और उनमे अगर ये बात आपने समझ ली तो आप जंग जित जाएंगे.

तो चलिए शुरू करते है आज की ये शायरी की महफ़िल, जो हमने आज खास आपके लिए सजाए है, आपको इस में से कौन सी शायरी पसंद आती है जरुर बताना और हमारे चैनल पे और भी भाषण व शायरी है जो आप देख सकते है

वतन पर शायरी

वतन पे फ़ना होना है तो हो जाओ, पूछने की जरुरत नहीं है

मिले कफ़न बस तिरंगा है तमन्ना, कुछ और हसरत नहीं है

दिल से बस यही आवाज उठती है, वन्दे मातरम् जय हिन्द चूम लूं ये जमीं

आखरी सफ़र में, और कोई चाहत नहीं है

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WATAN PE FANA HONA HAI TO HO JAAO,

PUCHNE KI JARURAT KYA HAI 

MILE KAFAN BAS TIRANGA HAI TAMNNA, 

KUCH AUR HASRAT NAHI HAI 

DIL SE BAS YAHI AAWAZ UTHATI HAI, 

VANDE MATARAM JAY HIND CHUM LOON YE ZAMEEN 

AAKHRI SAFAR ME, AUR KOI CHAHAT NAHI HAI

 

है दर्द उठता जिगर में जब, कोई अपमान करता है

देश की शान देश की आन, कोई बदनाम करता है

ये वतन हमारी माँ है इसके, आंचल तले हम पले मिटा देंगे

अगर हिमाकत कोई, ऐसी करता है

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Hai Dard Uthta Jigar Me Jab, Koi Apman Karta Hai

Desh Ki Aan Desh Ki Shan, koi Badnaam Karta Hai

Ye Watan hamari Maa Hai iske, Aanchal tale hum pale

Mita denge agar himakat koi, Aisi karta hai

जख्म भरे नहीं है, पीर अभी ताजा है

कंधो पे उठाया, हमने वीरो का जनाजा है

ये वतनपरस्ती आम नहीं, ये तो खजाना है

तेरी मिट्टी ही तो मेरा, आखरी ठिकाना है

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Zakhm bhare nahi hai, Peer abhi taza hai

Kandho pe uthaya, Humne veero ka zanaza hai

Ye watanparasti aam nahi, Ye to khazana hai

Teri mitti hi to mera, Aakhri thikana hai

आजादी शायरी

आजाद हुआ ये देश हमारा, देखो आजादी आई है

रंग देशप्रेम का छाया है, जैसे दिवाली आई है

लहरा रहा है ये तिरंगा, शान बढ़ाती पुरवाई है

कान्ति सबके चेहरों पे, जश्न ए आजादी छाई है

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Aazad hua ye desh humara, Dekho aazadi aai hai

Rang Desh prem ka Chhaya hai, Jaise Diwali aai

hai Lahra raha hai ye tiranga, Shan badhati purwai hai

Kanti sabke chehro pe, Jashn e aazadi chhai hai


ये भारत भूमि ये धरती, इतिहास आज सुनाती है

कैसे खेले वो खू से होली, तुमको आज बताती है

वो भगत सिंह सुखदेव हुए, आजाद और बोस हुए

उनके बलिदानों की गाथा, तारीख हमें बताती है

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Ye bharat bhumi ye dharti, Itihas aaj sunati hai

Kaise khele wo khoon se holi, Tumko aaj bataati hai

Wo Bhagat Singh Sukhdev hue, Aazaad our bose hue

Unke balidano ki gatha, Tarikh humen batati hai

वो जान पे खेल गए जवान, आजाद हुआ तब हिंदुस्तान

गोली खा के सिने पे जो, बना गए अपनी पहचान

वो वीर सपूत वो बलिदानी, हंसके सूली चढ़ जाते थे

उनके नाम पे है कुर्बा, ये जान मेरी तन मन धन

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Wo jaan pe khel gaye jawan, Aazad hua tab hindustan

Goli Kha ke sine pe jo, Bana Gaye Apni pahchan

Wo veer sapoot vo balidani, Hanske suli chadh jaate the

Unke naam pe hai kurbaan, Ye jaan meri tan man dhan



शहीद शायरी

मिलती है ऐसी मौत किसे, है कौन नसीबो वाला ये

शेर कोई ये माँ का लाल, है भारत का रखवाला ये

निडर है ये बहादुर है जो, सिने पे गोली खा बैठा

हर जनम अर्पित शीश करे, है सपूत कोई दिलवला ये

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Milti hai aisi mout kise, Hai koun naseebon wala ye

Sher koi ye maa ka laal, Hai bharat ka rakhwala ye

Nidar hai ye bahadur hai jo, Sine pe goli Kha baitha

Har janam arpit shish kare, Hai saput koi dilwala ye

तिरंगा शायरी

कफन तिरंगा मिलता जिसको, नाम अमर हो जाता है

हर हिन्दुस्तानी के मन को, वो माँ का लाल ही भाता है

शेरो सी जिनकी जवानी है, फौलाद इरादे तूफानी है

है ऐसी आंधी के दुश्मन को, ख़ाक बनाता जाता है

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Kafan tiranga milta jisko, Naam amar ho jaata hai

Har hindustani ke man ko, Wo maa ka laal hi bhata hai

Shero si jinki jawani hai, Faulad irade tufani hai Hai

Aisi aandhi Ke Dushman ko, Khak banata jaata hai


रग में ज्वाला सिने में तुफा, है गर्जन जिनकी बातों में

भारत माँ की लाज रही है, हरदम जिनके हाथों में

वो रक्षक वो पहरेदार है, आँखों में उनकी शोले है

दिन दुपहरी शाम सहर जो, जाग रहे है रातो में

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Rag me jwala sine me tufaan, Hai garjan jinki baato me

Bharat maa ki laaj rahi hai, Hardam jinke hathon me

Wo rakshak wo pahredaar hai, Aankhon me unki shole hai

Din dupahari shaam sahar jo, Jaag rahe hai raaton me

मेरे हाथो में हर पल ही, रहे तिरंगा भारत का

कभी झुके न रहे ऊँचा, नाम बने शौहरत का

ये धरती चाँदी सी चमके, रहे उगलती ये सोना

विश्व में परचम लहराए, नाम बने ये ताकत का

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Mere Hathon me har pal hi, Rahe tiranga bharat ka

Kabhi jhuke na rahe ooncha, Naam bane shouharat ka

Ye dharti chandi si chamke, Rahe ugalti ye sona

Vishv me parcham lahraye, Naam bane ye taakat ka


कभी कही ये दे संदेश, शांति अहिंसा परमो धरम

अपने हक़ का हम खाते, सदा सर्वदा अपना करम

गीता सिखाती कर्म करो, ज्ञान की सुन्दर वाणी है

देशप्रेम ही हम सबके, दिलो में रहता है परम

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Kabhi Kahin ye de Sandesh, Shanti ahinsa parmo Dharam

Apne hak ka hum khate, Sada sarwada apna karam

Geeta sikhati Karm Karo, Gyan ki Sundar wani hai

Deshprem hi hum sabke, Dilo me rahta hai param

मेरा भारत सबसे प्यारा, दुनियां का ये तारा है

सारी सृष्टि के सर पे जो, चमक रहा वो सितारा है

इस भारत की ये भूमि, ज्ञान की सुंदर खान है

कोहिनूर है दुनिया का, ये भारत देश हमारा है

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Mera bharat sabse pyara, Duniya ka ye taara hai

Saari shrushti ke sar pe jo, Chamak raha wo sitara hai

Is Bharat ki ye bhumi, Gyan ki Sundar khan hai

Kohinur hai duniya ka, Ye bharat desh hamara hai



Hi, I'm Hitesh Choudhary (Lyricist), founder of NVH FILMS. A blog that provides authentic information, tips & education regarding manch sanchalan, anchoring, speech & public speaking.

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