Veer Savarkar | वीर सावरकर जयंती, जीवनी, विचार

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Last updated on July 20th, 2024 at 03:35 pm

भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी और समाज सुधारक विनायक दामोदर सावरकर (Veer Savarkar). एक महान क्रांतिकारी और राष्ट्रवादी नेता थे, उन्हें वीर सावरकर के नाम से जाना जाता है।

वीर सावरकर एक वकील, नाटककार एवं कवी भी थे और वो हिंदुत्व के विकास के लिए हमेशा कार्यरत रहे, उन्होंने परिवर्तित हिन्दुओ को वापस लाने के लिए काफी प्रयास किए और इसके लिए उन्होंने बहुत से आंदोलन भी किए।

Veer Savarkar

Veer Savarkar 

वीर सावरकर एक ऐसे महान व्यक्तित्व का नाम है, जिसने देश के लिए, समाज के लिए कार्य करने में सबसे पहले कदम उठाया, उन्हें लन्दन में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन जब उन्हें भारत लाया जा रहा था तो वो सीवर हॉल के रास्ते से भाग गए।

24 दिसंबर 1910 में उन्हें आजीवन कारावास की कालापानी की सजा दी गई।

Swatantra Veer Savarkar वीर सावरकर

बचपन से ही माता पिता ने जिन्हे अच्छे संस्कार दिए हो वो इंसान बड़े होने पर जरूर अच्छे कार्य करता है, इसका उदहारण है वीर सावरकर, जिन्हे बचपन में छत्रपति शिवाजी महाराज, महाराणा प्रताप और रामायण एवं महाभारत जैसी धर्म और देशभक्ति की गाथाए सुनाई गई।

सावरकर ने अपना सारा जीवन देश के  लिए समर्पित कर दिया, वो चाहते तो सुख से जिंदगी गुजार सकते थे, लेकिन उन्होंने कभी भी अपना स्वार्थ न देखते हुए, जन जन की पीड़ा को महसूस किया और देश के लिए योगदान दिया।

Veer Savarkar Jayanti वीर सावरकर जयंती

क्रांति के रचेता वीर सावरकर का जन्म 28 मई 1883 को हुआ, जो महाराष्ट्र के नासिक जिले के भगूर गांव में हुआ।  माँ भारती के इस सपूत की जन्म जयंती पर, विशेष आयोजन किये जाते है, और उन्हें याद किया करके श्रद्धांजलि दी जाती है।

ऐसे वीर कई सदियों में पैदा होते है, हमें गर्व करना चाहिए की भारत की इस भूमि पे ऐसे क्रांतिवीर जन्मे जिन्होंने अंग्रेजो को यहाँ से भागने पर मजबूर कर दिया।

Veer Savarkar Quotes वीर सावरकर के विचार

  1. किसी भी महान लक्ष्य को भेदने के लिए किया गया कोई भी बलिदान कभी व्यर्थ नहीं जाता।
  2. अगर कभी दुनियाँ को हिन्दू जाती का आदेश सुनना पड़े तो उस वक्त वो आदेश गीता के समान होगा।
  3. वर्तमान परिस्थिति पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा, इस तथ्य की चिंता किये बिना ही इतिहास लेखक को इतिहास लिखना चाहिए और समय की जानकारी को विशुद्ध और सत्य रूप में ही प्रस्तुत करना चाहिए।
  4. कर्तव्य की निष्ठा संकटों को झेलने में, दुःख उठाने में और जीवनभर संघर्ष करने में ही समाविष्ट है। यश अपयश तो मात्र योगायोग की बातें हैं।
  5. कष्ट ही तो वह शक्ति है जो इंसान को कसौटी पर परखती है और उसे आगे बढ़ाती है।
  6. महान हिन्दू संस्कृति के भव्य मन्दिर को आज तक पुनीत रखा है संस्कृत ने। इसी भाषा में हमारा सम्पूर्ण ज्ञान, सर्वोत्तम तथ्य संगृहीत हैं। एक राष्ट्र, एक जाति और एक संस्कृति के आधार पर ही हम हिन्दुओं की एकता आश्रित और आघृत है।
  7. समय से पूर्व कोई मृत्यु को प्राप्त नहीं करता और जब समय आ जाता है तो कोई अर्थात कोई भी इससे बच नहीं सकता। हजारों लाखों बीमारी से ही मर जाते हैं, पर जो धर्मयुद्ध में मृत्यु प्राप्त करते हैं, उनके लिए तो अनुपम सौभाग्य की बात है। ऐसे लोग तो पुण्यात्मा ही होते हैं।
  8. हिन्दू जाति की गृहस्थली है, भारत; जिसकी गोद में महापुरूष, अवतार, देवी-देवता और देवजन खेले हैं। यही हमारी पितृभूमि और पुण्यभूमि है। यही हमारी कर्मभूमि है और इससे हमारी वंशगत और सांस्कृतिक आत्मीयता के सम्बन्ध जुड़े हैं।

Veer Savarkar Garden Borivali west

वैसे तो वीर सावरकर के नाम पर कई जगह पर ऐतिहासिक स्थल है, लेकिन मुंबई के बोरीवली स्थित वीर सावरकर उद्यान की भी काफी चर्चा है।
बोरीवली वेस्ट में L T Road यानी की लोकमान्य तिलक रोड पर स्थित है वीर सावरकर गार्डन।
बोरीवली स्टेशन से पैदल दुरी 10 मिनट के लगभग है, ये बच्चो के मनोरजन, खेलकूद के लिए उत्तम है, इसमें झूले, स्लाइडिंग और खेलने के लिए मैदान है।
गार्डन में तालाब है, इस गार्डन में जाकर आप अपना और बच्चो का समय आसानी से व्यतीत कर सकते है।

Veer Savarkar movie

सावरकर की यात्रा पे कई भाषाओ में फिल्मे और बायोग्राफी बनी, जिसमे देव आनंद की कालापानी भी शामिल है।

वीर सावरकर की जीवनी

सावरकर का जन्म भारत के महाराष्ट्र राज्य में नासिक के पास ही भागुर गाँव में हुआ, उनके पिताजी का नाम दामोदर पंत सावरकर तथा माता का नाम राधा बाई था।
उनके परिवार की बात करे तो दो भाई थे गणेश दामोदर व नारायण दामोदर तथा एक बहन थी नैना बाई, उनकी माता का देहांत हैजे की बीमारी के चलते हो गया, जब वे काफी छोटे थे लगभग नौ वर्ष के, इसके सात साल बाद प्लेग की बीमारी में उनके पिताजी का भी देहांत हो गया।
विनायक ने अपनी पढ़ाई शिवजी हाईस्कूल नासिक से की, पढाई में वे काफी तेज थे, और कविताए लिखने का भी शौक था, पारिवारिक हालात ठीक नहीं थे परन्तु बाबाराव (गणेश) दामोदर सावरकर ने जो उनके बड़े भाई थे, उन्होंने उन्हें पढाई करने का समर्थन किया।
वीर सावरकर का विवाह यमुनाबाई के साथ हुआ, और उनकी कॉलेज की पढाई का खर्च उनके ससुर ने उठाया, सावरकर ने कालेज से बी. ए. किया, सावरकर के एक पुत्र विश्वास सावरकर और पुत्री प्रभात चिपलूनकर थे।
सावरकर पहले ऐसे भारतीय थे जिन्होंने पूर्ण स्वतंत्रता की मांग की थी।
सावरकर भारत के ऐसे पहले लेखक थे, जिनकी लिखी पुस्तक को प्रकाशित होने से पहले ही ब्रिटिशो ने बैन कर दिया था।
भारत स्वतंत्र होने के पश्चात सावरकर ने ही गोवा की मुक्ति के लिए आवाज उठाई थी।

वीर सावरकर की मृत्यु कैसे हुई /वीर सावरकर पुण्यतिथि

सावरकर ने इच्छा मृत्यु को चुना था, उन्होंने उपवास रखना शुरू किया और धीरे धीरे वे कमजोर होते गए।  26 फरवरी 1966 को सावरकर का निधन हो गया। 

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