देशभक्ति का कार्यक्रम शुरू करने से लेकर अंत तक शायरी आपको शायरी बोलनी होती है और उसी कड़ी में ये 15 august desh bhakti shayari आपको जरुर पसंद आएगा, जोशीली देशभक्ति शायरी आपके लिए लाया हूँ|
कहते है की जो अपना हक नहीं मांगता है उसे कमजोर मान लिया जाता है और ये ही हमारी साफदिली थी जिसकी वजह से अंग्रेजो ने हमपे शासन किया, लेकिन फिर उठी बगावत की लहर और सबको अपनी आंधी में उडा कर ले गई|
देशभक्ति कार्यक्रम शायरी
खौल उठा था जब रगों में, खून उनके तेज़ाब सा
तभी हो सका गुलामी से, भारत अपना आजाद था
डर रही थी सारी हुकुमत, जिनसे नजर मिलाने को
सुभास, भगत सिंग और, वो चंद्रशेखर आजाद था
ऐसे शूरवीरो को जन्म देनेवाली माताओं को धन्य समझता हूँ जिन्होंने ऐसे पूत भारत की धरा पे पैदा किए, जिन्होंने इतिहास को बदल के रख दिया|
जिनकी बातों में अंगारे, नजरो से बाण चलते थे
देशभक्ति की साँसे लेकर, जिनके प्राण चलते थे
मर मिटे वो फ़ना हुए, मस्तक नहीं झुकाया था
करने को आजाद वतन, जिनके मन मचलते थे
ऐसे वीरो की वजह से ये दिन आज हम देख रहे है, उन्हें याद करना और उनके आगे नतमस्तक होना हमारा परम कर्तव्य है, और हर भारतीय को ये गुणगान करना चाहिए|
भूल न जाना आजादी की, उठी हुई उस आंधी को
टैगोर तिलक सुभास और, लाठी वाले गांधी को
लहूलुहान थे जिस्म मगर, होठो पर थी मुस्काने
साहस का था सोना जिसमे, हिम्मत वाली चांदी को
ऐसे आप शायरी बोलोगे तो मजा आ जाएगा|
खतरों के खिलाडी देशभक्त शायरी
खतरों से खेलने वालो को, चलो सलामी देते है
भारत के वीर सपूतो को, चलो सलामी देते है
सहते रहे हम सदियों से, जुल्मो को जिनके हर पल ही
आजाद कराया जिन्होंने उनको, चलो सलामी देते है
और इस आजादी के लिए कितने संकट के बादला उनके सर पे मंडराते रहे, कितने कष्टों को झेला होगा, फिर भी मुंह से उफ़ ण बोला होगा|
मातृभूमि की माटी को, माथे से लगा गुलाल किया
इस धरा को जिन वीरो ने, अपने लहू से लाल किया
हिन्द के ऐसे शेरो को, कहो कैसे भुलाया जाएगा
अपने बलिदानों से जिन्होंने, भारत का ऊंचा भाल किया
क्यों भूले हम उन वीरो को, जिनके आगे सब फीका है, उनके सम्मान में कमेंट में जय हिन्द जरुर लिखना मेरे भाइयो क्योकि
झेल गए वो गम के फ़साने, हमको जीवन देने को
मर के अमर हो गए दीवाने, हमको चमन देने को
चलके कांटो पे पैरो को, छलनी छलनी कर बैठे
राहो में बिछा गए फूल परवाने, सुखमय राह देने कोजय हिन्द